पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होते पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol diesel prices) पर लगे ब्रेक अब हट गए हैं. दो दिन से लगातार पेट्रोल-डीजल के भाव में तेजी आई है. दो दिन में ही पेट्रोल 44 पैसे महंगा हो गया है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए का इजाफा हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, कच्चे तेल के बढ़ते भाव की वजह से तेल कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में कंपनियां अब वसूली के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बोझ बढ़ाएंगी. अक्सर देखा गया है कि चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए जाते हैं.
इस साल पेट्रोल-डीजल के दाम जनवरी में 10 बार और फरवरी में 16 बार बढ़े थे. साल 2021 में अब तक पेट्रोल-डीजल के दाम 28 बार बढ़ चुके हैं. हालांकि, मार्च महीने में 3 बार और अप्रैल में 1 बार पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी आई है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 27 फरवरी को बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद सीधे 15 अप्रैल का आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव हुआ था. इसके बाद पांच राज्यों में चुनाव होने से दाम को रोककर रखा गया था. लेकिन, चुनाव खत्म होते ही 4 और 5 मई को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी दिखी है.
पेट्रोल-डीजल कच्चे तेल से बनता है. और कच्चे तेल के दामों का असर पेट्रोल-डीजल कीमतों (Petrol diesel prices) पर सीधे तौर पर पड़ता है. मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 106.85 डॉलर प्रति बैरल थी. उस वक्त दिल्ली में पेट्रोल का भाव 71.41 रुपए प्रति लीटर था. वहीं, अभी कच्चे तेल की कीमत 66 डॉलर प्रति बैरल पर है. इसके बावजूद भी पेट्रोल के दाम घटने के बजाए बढ़कर 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गए हैं.
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कच्चे तेल का दाम जब कम होता है सरकार एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) बढ़ाकर अपना खजाना भरती है. पिछले पांच साल का आंकड़ा उठाकर देखें तो ऐसा ही हुआ है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol diesel prices) कम करने के बजाए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई. एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol diesel prices) में इजाफा हुआ. इसके अलावा राज्यों में अलग से वैट भी लगता है. कुल दाम बढ़ने से टैक्स पर भी फर्क पड़ता है. यही वजह है कि पेट्रोल के दाम कम नहीं हुए. वहीं, जब कच्चे तेल के दाम बढ़े तब एक्साइज ड्यूटी को जस का तस रखा गया.
मई 2014 में एक लीटर पेट्रोल पर 10.38 रुपए और डीजल पर 4.52 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगाती थी. लेकिन, अब पेट्रोल पर 32.90 रुपए और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है. कोरोना महामारी के आने के बाद मई 2020 में एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया गया था.
SBI के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इस वक्त पेट्रोल-डीजल GST में होता तो देश में पेट्रोल की कीमत (Petrol diesel prices) 75 रुपए से ज्यादा नहीं होती. वहीं, डीजल का भाव भी 68 रुपए प्रति लीटर के आसपास होता. अगर GST के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाया जाता तो कच्चे तेल की कीमतों के हिसाब से पेट्रोल और डीजल के भाव में उतार-चढ़ाव दिखता.