Petrol-diesel: पेट्रोल और डीजल (Petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और सहयोगी देशों ने अगस्त महीने से तेल की आपूर्ति को बढ़ाने में सहमति जताई है. रविवार को संगठन ने एक बयान में कहा कि मई 2022 से इराक, कुवैत, रूस, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपना उत्पादन बढ़ाएंगे.
बता दें कि कुछ दिनों पहले यूएई ने उत्पादन बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उनके इस मांग पर पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन में विवाद पैदा हो गया था.
इस विवाद को खत्म करते हुए OPEC ने संगठन के कई सदस्य देशों के लिए अब उत्पादन का कोटा बढ़ा दिया है.
वियना स्थित समूह ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि ओपेक सदस्यों ने आखिरकार अगस्त 2021 से हर महीने 400,000 बैरल प्रति दिन (BPD) उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि महामारी की वजह से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुधार में मदद मिल सके.
OPEC और सहयोगी देशों ने पिछले साल मांग और कीमतों में गिरावट के बीच उत्पादन में प्रतिदिन 97 लाख बैरल की कटौती करने का फैसला किया था. ओपेक ने एक बयान में कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 तक समूह आपूर्ति में 20 लाख BPD या प्रति माह 4 लाख BPD की बढ़ोतरी करेगा.
नई उत्पादन सीमा के तहत, यूएई मई 2022 से एक दिन में 35 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करने में सक्षम होगा. इसी तरह, सऊदी और रूस अपने उत्पादन को मौजूदा 110 लाख से 115 लाख BPD तक बढ़ाएंगे.
विश्लेषकों का मानना है कि तेल की कीमतें जल्द ही 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ सकती हैं. अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड फिलहाल 73.59 डॉलर प्रति बैरल पर मंडरा रहा है.
इससे आम आदमी को घरेलू ईंधन की आसमान छूती कीमतों से राहत मिल सकती है.