देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे टोल नाकों में सबसे ज्यादा टोल की वसूली उत्तर प्रदेश में होती है. बुधवार को संसद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री से Fastag के जरिए होने वाली कलेक्शन की राज्यवार जानकारी देने के लिए सवाल किया गया था. सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि देशभर में उत्तर प्रदेश में Fastag के जरिए सबसे ज्यादा कमाई होती है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल नाकों से 5583 करोड़ रुपए के टोल की वसूली हुई है. उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा स्थान राजस्थान का है जहां पर 5084 करोड़ रुपए का टोल वसूला गया है.
इसके बाद महाराष्ट्र के टोल नाकों से से 4660 करोड़ रुपए, गुजरात से 4519 करोड़ रुपए, तमिलनाडु से 3817 करोड़ रुपए, कर्नाटक से 3516 करोड़ रुपए आंध्र प्रदेश से 3277 करोड़ रुपए और मध्य प्रदेश के टोल नाकों से 3182 करोड़ रुपए की टोल वसूली हुई है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल नाकों से जितने टोल की वसूली हुई है, उनमें 2 तिहाई से ज्यादा वसूली इन्हीं राज्यों के नाकों से हुई है.
सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने जवाब में उन 100 टोल नाकों की जानकारी भी दी जिनके जरिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा टोल की वसूली की गई है. गुजरात का L&T वडोदरा टोल नाका सबसे ज्यादा कमाई करता है, वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान इस नाके पर 455.94 करोड़ रुपए का टोल वसूला गया है, इसके बाद 441.89 करोड़ रुपए के साथ राजस्थान में शाहजहांपुर टोल प्लाजा है, तीसरे नंबर पर 357.79 करोड़ के साथ हरियाणा का घरौंडा टोल प्लाजा, चौथे पर 349.56 करोड़ के साथ उत्तर प्रदेश का बाराजोर टोल प्लाजा और पांचवें नंबर पर 326.45 करोड़ के साथ पश्चिम बंगाल का जलधुलागोरी टोल प्लाजा है.
परिवहन मंत्री की तरफ से संसद को दी गई जानकारी से यह भी पता चला कि इस साल मार्च अंत तक देशभर में 6.77 करोड़ Fastag जारी हो चुके हैं और Fastag जारी करने के मामले दिग्गज सरकारी बैंक पिछड़े हुए हैं जबकि प्राइवेट बैंक और पेटीएम इस मामले में सबसे आगे है. देश में जारी हुए 6.77 करोड़ Fastag में से 1.64 करोड़ से ज्यादा अकेले पेटीएम ने जारी किए हैं. इसके बाद 1.27 करोड़ फास्टैग के साथ आईसीआईसीआई बैंक दूसरे स्थान पर है और तीसरे स्थान पर IDFC First बैंक है जिसने मार्च तक 1.27 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी किए हुए हैं.