कोरोना काल में ट्रेनों के पहिए थम गए थे. लॉकडाउन खत्म होने पर रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को तो शुरू कर दिया लेकिन पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Train)के पहिए अभी भी थमे हुए हैं. अब रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Train) को दोबारा चलाने का ऐलान किया है. रेलवे अगले दो महीनों में पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रहा है. पैसेंजर ट्रेनों के चलने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. अभी पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से लोग कहीं आने-जाने के लिए बसों का महंगा सफर करने को मजबूर हैं.
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी जे नारायण ने बताया कि सभी प्रमुख ट्रेन पटरी पर वापस आ चुकी हैं. अब पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Train) को भी दोबारा पटरी पर लाया जा रहा है. जिससे लोगों को परेशानी न हो और वह आसानी से सफर कर सकें.
पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की हो रही थी मांग
लोग पिछले काफी समय से पैसेंजर ट्रेन सेवा को बहाल किए जाने की मांग कर रहे थे. कम किराये एवं रोजमर्रा के काम के चलते आने-जाने के लिए यात्री ट्रेनें फायदेमंद होती हैं. मगर ऐसी ट्रेनों मे मुसाफिरों की भीड़ के चलते संक्रमण का डर था. ऐसे में रेलवे ने इस सेवा को बहाल नहीं किया था. मगर अब स्थिति में सुधार को देखते हुए इसे दोबारा चलाए जाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इसके लिए राज्य सरकार की स्वीकृति मिलना जरूरी है.
राज्य सरकारों की ली जाएगी परमीशन
भारतीय रेलवे के अनुसार अगले दो महीनों में यात्री ट्रेन सेवाओं को पहले की तरह दोबारा शुरू किया जाएगा. ये ट्रेनें उन्हीं राज्यों में चलाई जाएंगी जहां कि सरकारें इसे स्वीकृति देंगी. इसके अलावा जिन राज्यों में COVID-19 महामारी नियंत्रण में होगी ऐसी जगहों में पैसेंजर ट्रेनों को चलाए जाने की अनुमति दी जाएगी. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में 66 प्रतिशत ट्रेन सेवाएं विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जा रही हैं.
अभी सिर्फ 20 प्रतिशत चल रही यात्री ट्रेने
कोरोना महामारी के बाद से अब तक करीब 77% एक्सप्रेस एवं मेल ट्रेनें सेवा में हैं. इसके अलावा 91% सब अर्बन ट्रेनें चल रही हैं, जबकि केवल 20% यात्री ट्रेनें वर्तमान में संचालित की जा रही हैं. रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि अगले दो महीनों में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर अपनी विशेष ट्रेन सेवाओं के साथ पहले की तरह पैसेंजर ट्रेनों का संचालन करेगी, इससे यात्रियों को सहूलियत होगी.
कोरोना से रेलवे को हुआ नुकसान
कोरोना महामारी के दौरान रेलवे को काफी नुकसान हुआ था. महामारी से पूर्व भारतीय रेलवे औसतन रोजाना 1,768 मेल ट्रेनें चलाता था. इस समय यह संख्या 1,353 प्रति दिन है. COVID-19 महामारी से पहले, लगभग 3,634 यात्री ट्रेनें प्रतिदिन चल रही थीं, लेकिन वर्तमान में केवल 740 प्रतिदिन सेवा में हैं. वहीं कोरोना काल से पहले 5,881 उपनगरीय / स्थानीय ट्रेनें प्रति दिन संचालित होती थीं, अब ये संख्या 5,381 हैं.