वन नेशन वन हेल्पलाइन नंबर (One Nation One Helpline Number) की दिशा में सरकार ने एक और नंबर को 112 से जोड़ने का फैसला लिया है. इसके तहत जल्दी ही देश में महिला एवं बाल संरक्षण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सभी हेल्पलाइन का भी एकीकरण कर दिया जाएगा. केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से केंद्र के साथ राज्यों की सभी हेल्पलाइन हाईटेक की जाएंगी. इससे शिकायतों पर कार्रवाई में तेजी आएगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में बच्चों व महिलाओं के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन है. इससे शिकायतों के निपटारे में देरी होती है। हाईटेक हेल्पलाइन से महिलाओं व बच्चों की शिकायतें सीधे संबंधित अधिकारियों के पास जाएंगी. मौजूदा समय में 112 और 181 के साथ कई राज्यों की अपनी हेल्पलाइन हैं. इसके साथ 1098 हेल्पलाइन बच्चों की मदद के लिए चलाई जा रही है जहां पर एनजीओं की सहायता से शिकायतों का निवारण किया जा रहा है.
आकांक्षी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक
सोमवार को देशभर के 112 आकांक्षी जिलों व 100 सबसे अधिक अपराध ग्रस्त जिलों के पुलिस अधिकारियों व जिला अधिकारियों के साथ महिला व बाल कल्याण मंत्रालय ने समन्वय बैठक की. इस बैठक में महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने व उनकी शिकायतों के शीघ्र निपटारे के संबंध में सुझाव मांगे गए. इसके साथ पोषण 2.2, मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य की समीक्षा भी की गई. एक दिवसीय बैठक में निम्हांस, नीति आयोग, नाल्सा शामिल थीं. महिला व बाल विकास मंत्रालय ‘वन स्टॉप सेंटर’ को भी हाईटेक बनाने की दिशा में काम कर रही है.
उपलब्ध होंगे फोरेंसिक किट्स
महिला व बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने बताया कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में सबूत को मिटाया न जा सके और समय पर फोरेंसिक जांच हो सके. इसके लिए सभी पुलिस स्टेशनों में फॉरेंसिक किट्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए गृह मंत्रालय से बात की जा रही है. मौजूदा समय में 14000 किट्स दिए गए हैं. देश में 10,000 से ज्यादा पुलिस स्टेशन में किट्स नहीं हैं. इसके लिए संबंधित मंत्रालय को कहा जा रहा है कि वे किट्स मुहैया करवाएं.
मुंबई में सबसे अधिक शिकायत
उन्होंने बताया कि महिलाओं की मदद के लिए बने वन स्टॉप सेंटर में 3 लाख आठ हजार महिलाओं की मदद की गई है. इस सेंटर को अस्पताल, हॉस्टल, पुलिस स्टेशन से जोड़ा जा रहा है. महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध में सबसे आगे 100 जिलों में मुंबई, बेंगलुरु, साइबराबाद, लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद शामिल हैं. मुंबई में सबसे अधिक 10159 शिकायतें दर्ज हुई हैं.