देश के 17 राज्यों ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ (One nation one card) को लागू कर दिया गया है. इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों में नया नाम उत्तराखंड का है. वन नेशन-वन राशन कार्ड प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण सुधार को पूरा करने वाले राज्य अपनी ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GSDP) के 0.25 फीसदी तक अतिरिक्त उधार के पात्र बन जाते हैं. इस प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारक देश में कहीं भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं.
वित्त मंत्रालय ने कहा एक देश-एक राशन कार्ड (One nation one card) प्रणाली को लागू करने वाले राज्य GSDP का 0.25% अतिरिक्त उधार लेने के लिए पात्र होंगे. इस नई राशन कार्ड प्रणाली के तहत कार्ड धारक देश में कहीं से भी सरकारी राशन की दुकान से अपने कोटे का राशन प्राप्त कर सकेंगे.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन राज्यों को डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर ने 37,600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है. एक देश-एक राशन कार्ड (One nation one card) प्रणाली के लागू होने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है. इसमें विशेष रुप से प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार शामिल हैं.
यह सुधार विशेष रूप से प्रवासी आबादी, ज्यादातर मजदूरों, दैनिक मजदूरों, शहरी गरीबों संगठित और असंगठित क्षेत्रों में अस्थायी श्रमिकों, घरेलू श्रमिकों आदि को लाभ पहुंचाने के लिए है, जो अक्सर खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर होने के लिए अपने निवास स्थान को बदलते रहते हैं. यह सुधार प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपनी पसंद के उचित इलेक्ट्रॉनिक मूल्य की बिक्री (e-POS) से राशन का अपना कोटा पाने की आजादी देगा.
Covid-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधनों की आवश्यकता के मद्देनजर, भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा को अपने GSDP के 2 प्रतिशत से बढ़ा दिया था. इस विशेष वितरण का आधा (GSDP का 1 प्रतिशत) राज्यों द्वारा नागरिक केंद्रित सुधारों पर व्यय किया जाना है. डिपार्टमेंट ऑफ एक्पेंडिचर द्वारा सुझाए गए 4 सुधार इस प्रकार थे – एक देश-एक राशन कार्ड प्रणाली, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म, अर्बन लोकल बॉडी एंड यूटिलिटी रिफॉर्म और पॉवर सेक्टर रिफॉर्म.