कोरोना महामारी (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है दूसरी लहर से भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने दुनियाभर के लोगों को चिंता में डाल दिया है. इस बीच केंद्र सरकार ने नए वेरिएंट (Omicron) को देखते हुए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक अब 1 दिसंबर 2021 से यात्रियों को यात्रा से पहले एयरपोर्ट पर अपने 14 दिन की यात्रा हिस्ट्री और एक आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जमा करना होगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार जिस देश में कोरोना का खतरा ज्यादा है भारत अनिवार्य रूप से उन देशों से आने वाले 5 फीसदी यात्रियों का परीक्षण करेगा.
ओमिक्रॉन (Omicron) वेरियंट के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील दिये जाने की समीक्षा करने का निर्देश देने के एक दिन बाद भारत ने अपने वैश्विक यात्रा दिशानिर्देशों को संशोधित किया है. केंद्र ने भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू करने की अपनी योजना का पुनर्मूल्यांकन करने का भी फैसला किया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ” वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्रा सेवा को फिर से शुरू करने की तारीख पर निर्णय एक समीक्षा के बाद लिया जाएगा. नए दिशानिर्देशों के अनुसार अब भारत की यात्रा करने के इच्छुक सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अनिवार्य रूप से पिछले दो सप्ताह के यात्रा इतिहास के साथ एयर सुविधा पोर्टल पर एक स्व-घोषणा फॉर्म जमा करना होगा. जोखिम वाले देशों के लोगों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. उन्हें एक कोविड -19 आरटी-पीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अपलोड करनी होगी जो उनकी निर्धारित यात्रा के 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो. रिपोर्ट में यात्री द्वारा कोई भी हेरफेर की गई तो आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा.
खबर के अनुसार 12 जोखिम वाले देशों के यात्रियों को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा. इस सूची में यूके और दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, इज़राइल, हांगकांग, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और जिम्बाब्वे सहित यूरोप के देश शामिल हैं. यात्रियों को आगमन के बाद कोविड परीक्षण देना होगा और किसी भी कनेक्टिंग फ्लाइट को छोड़ने या लेने से पहले हवाईअड्डे पर रिजल्ट की प्रतीक्षा करनी होगी. यदि वे नकारात्मक परीक्षण करते हैं, तो वे सात दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करेंगे. आठवें दिन उनका फिर से परीक्षण किया जाएगा और यदि रिपोर्ट नकारात्मक है, तो यात्रियों को अगले सात दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी.
यदि ऐसे यात्रियों में स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जाएगा और स्वास्थ्य केंद्र में इलाज किया जाएगा. पॉज़िटिव आने पर उनके नमूने इंसाकोग प्रयोगशाला में जीनोमिक परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे, उन्हें एक अलग आइसोलेशन सुविधा में ले जाया जाएगा और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा. ऐसे पॉज़िटिव लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा जाएगा और राज्य सरकार द्वारा निगरानी की जाएगी.