अब गुणवत्ता मानक के बिना छत वाले बिजली के पंखें नहीं चल पाएंगे. सरकार ने बिजली के पंखों के लिए गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य कर दिया है. इस कदम से सरकार बिजली के पंखों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है. साथ ही सरकार की यह कोशिश है कि वह खराब क्वालिटी के पंखों के आयात पर लगाम लगा सके.
कब होगा प्रभावी
सरकार ने अधिसूचना के जरिए अनिवार्य मानदंड जारी किए हैं. अधिसूचना में कहा कि छत पर लगने वाले गुणवत्ता नियंत्रण आदेश, 2023 के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं का भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) चिह्न के बिना उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात या भंडारण नहीं किया जा सकता है. अधिसूचना प्रकाशित होने के छह महीने बाद यह प्रभावी हो जाएगा. हालांकि इन छह महीनों के बीच बिजली पंखों के लिए BIS प्रमाण जरूरी नहीं होगा.
जुर्माना
नियम का पहली बार उल्लंघन पर दो साल तक की जेल या कम से कम दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. दोबारा उल्लंघन करने पर यह जुर्माना बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया जाएगा. जुर्माना बढ़ाकर पंखे के मूल्य के 10 गुना तक किया जा सकता है.
MSME को छूट
घरेलू सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लागू करने की समयसीमा में छूट दी गई है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए यह व्यवस्था अधिसूचना के प्रकाशित होने की तारीख से 12 महीने बाद प्रभावी होगी.