देश के किसी भी राज्य में यूरिया की कमी नहींः सरकार

केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 के फरवरी तक 388.10 लाख टन यूरिया (Urea) उपलब्ध कराई थी, जबकि इस दौरान 337.95 लाख टन यूरिया (Urea) की जरूरत थी.

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फर्टिलाइजर मिनिस्टर (Fertiliser Minister) डी वी सदानंद गौड़ा ने संसद में बताया है कि देश के किसी भी राज्य में यूरिया (Urea) की कोई कमी नहीं है. गौड़ा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 के फरवरी तक 388.10 लाख टन यूरिया (Urea) उपलब्ध कराई थी. जबकि इस दौरान 337.95 लाख टन यूरिया (Urea) की जरूरत थी.
उन्होंने कहा कि इसमें से 330.06 लाख टन यूरिया (Urea) को इस वित्त वर्ष फरवरी तक बेचा गया है. केंद्र राज्यों की मांग के आकलन के आधार पर हर राज्य को उर्वरकों (Fertilisers) की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराती है. सरकार हर फसल सीजन के शुरू होने से पहले उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करती है.
गौड़ा ने कहा कि सभी सब्सिडाइज्ड उर्वरकों (Fertilisers) की पूरे देश में आवाजाही की मॉनिटरिंग की जाती है. ये काम एक ऑनलाइन वेब-बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरी सिस्टम (iFMS) के जरिए किया जाता है.
राज्य सरकारों को नियमित रूप से सलाह दी जाती है कि वे फर्टिलाइजर्स (Fertilisers)के मैन्युफैक्चरर्स और इंपोर्टर्स के साथ तालमेल करें ताकि आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत न झेलनी पड़े और इसके लिए रेलवे रेक्स की उपलब्धता तय की जा सके.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यूरिया (Urea) के मामले में मांग और उत्पादन के बीच मौजूद अंतर को आयात के जरिए पूरा किया जाता है. यूरिया (Urea) की कीमतें सरकार तय करती है और इस वक्त 45 किलो की बोरी का अधिकतम दाम 242 रुपये है. P&K फर्टिलाइजर्स (Fertilisers) के मामले में कीमतों को निजी कंपनियां फिक्स करती हैं.
एक अन्य सवाल के जवाब में गौड़ा ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर्स (Fertilisers)की खपत गुजरे कुछ वर्षों में असमान रही है.
फिस्कल ईयर 2020-21 के फरवरी तक यूरिया की खपत 330.06 लाख टन रही है.

Published - March 19, 2021, 05:18 IST