एलन मस्क की अमेरिकी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला (Tesla) की कारें भारत में बिकने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने टेस्ला से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने का आग्रह किया है. साथ ही यह भी कहा है कि कंपनी जो कर लाभ चाहती है, वह सरकार से मिलेगा.
ईटी की खबर के मुताबिक, पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (Public Affairs Forum of India-PAFI) के डिजिटल सम्मेलन में बोलते हुए कुमार ने कहा कि टेस्ला को सिर्फ उत्पादों को भारत में नहीं भेजना चाहिए. बल्कि भारत में आकर उसका निर्माण भी करना चाहिए. इससे देश में नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
कर रियायतों से संबंधित कंपनी की मांग के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘आइए और भारत में निर्माण कीजिए. आपको (टेस्ला) सभी कर लाभ मिलेंगे, जो आप चाहते हैं.’
कुमार ने कहा, ‘यह तर्क कि हम भारत में तैयार उत्पादों का निर्यात करके एक बाजार बनाएंगे. एक पुराना तर्क है और हम इससे आगे बढ़ चुके हैं.’ इस महीने की शुरुआत में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि उन्होंने टेस्ला को कई बार भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने के लिए कहा है, साथ ही यह आश्वासन दिया है कि कंपनी को सरकार द्वारा सभी सहायता प्रदान की जाएगी.
पिछले महीने भारी उद्योग मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज) ने टेस्ला को किसी भी कर रियायत पर विचार करने से पहले भारत में अपने वाहनों का निर्माण शुरू करने के लिए कहा था. वर्तमान में पूरी तरह से निर्मित आयात की जाने वाली कारों पर इंजन के आकार और लागत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) मूल्य 40,000 अमेरिकी डॉलर से कम और अधिकतम 60-100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगता है. सड़क मंत्रालय को लिखे एक पत्र में एलोन मस्क की अगुवाई वाली फर्म ने कहा था कि 40,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक के सीमा शुल्क वाले वाहनों पर 110 प्रतिशत का प्रभावी आयात शुल्क शून्य-उत्सर्जन वाहनों के लिए बेकार है.
टेस्ला फर्म ने सरकार से अनुरोध किया है कि सीमा शुल्क मूल्य के बावजूद इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ को 40 प्रतिशत तक मानकीकृत किया जाए, और इलेक्ट्रिक कारों पर 10 प्रतिशत का सामाजिक कल्याण अधिभार वापस लिया जाए. यह कहा गया है कि इन परिवर्तनों से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (ईवी) के विकास को बढ़ावा मिलेगा और कंपनी बिक्री, सेवा आदि महत्वपूर्ण चीजों में निवेश करेगी और अपने वैश्विक संचालन के लिए भारत से खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी.