सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने सोमवार को कहा है कि उसने दो टास्क फोर्स (Task Force) बनाए हैं जो कि कॉन्ट्रैक्ट्स को लागू करने और समझौतों के लिए प्रभावी मैकेनिज्म के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क की सिफारिश करेंगे.
एक टास्क फोर्स (Task Force) सरकार और निजी इकाइयों के बीच पैदा होने वाले कॉन्ट्रैक्चुअल विवादों के जल्द समाधान के तरीकों का सुझाव देगा. इस टास्क फोर्स (Task Force) की अगुवाई नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत करेंगे.
दूसरा टास्क फोर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को लागू करने के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क बनाने की सिफारिश देगा. इसकी अगुवाई नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार करेंगे और इसमें प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के लोग बतौर सदस्य शामिल होंगे.
आयोग ने ट्वीट करके बताया है, “सरकारी और निजी इकाइयों के बीच होने वाले कॉन्ट्रेक्चुअल विवादों के जल्द समाधान में मदद देने के लिए और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स (Task Force) बनाया गया है जो कि प्रभावी समझौता मैकेनिज्म की सिफारिश देगा.”
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, “निवेश में मौजूद जोखिमों का हल निकालने और नीतिगत निश्चितता लाने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स (Task Force) बनाया गया है जिसमें प्रमुख मंत्रालयों/विभागों से भागीदार होंगे. यह टास्क फोर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के एनफोर्समेंट के लिए एक पॉलिसी फ्रेमवर्क की सिफारिश करेगा.”
आयोग ने यह भी कहा है कि पेट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्रालय की बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा कराई है जिसमें 2025 तक पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को 20 फीसदी पर पहुंचाने का लक्ष्य रखने की बात की गई है.
पिछले साल सरकार ने 2022 तक देश में पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को 10 फीसदी पहुंचाने का टारगेट रखा था. साथ ही इसे 20 फीसदी तक पहुंचाने के लिए 2030 तक की डेडलाइन तय की गई थी.
रिपोर्ट में एथेनॉल के प्रोडक्शन और सप्लाई के लिए सालाना टारगेट्स भी सुझाए गए हैं. इसके अलावा इसमें रेगुलेटरी व्यवस्था को आसान बनाने की भी बात की गई है.