New Wage Code को 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन अभी तक ये लागू नहीं हो पाए हैं. इसकी वजह है कि कई राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं हैं. अब संभावना जताई जा रही है कि जुलाई से इसे लागू किया जा सकता है. अगर ये नए नियम लागू होते हैं तो कर्मचारियों को किस तरह का फायदा मिलेगा और सरकार की क्या तैयारी है. आइए आपको बताते हैं.
नए वेज कोड को लेकर आजकल काफी चर्चा है. हालांकि सूत्रों की माने तो तो इसका अक्टूबर से पहले लागू होना मुश्किल है. क्योंकि राज्यों ने अबतक ड्राफ्ट रूल्स तैयार नही किए हैं.
नए नियम लागू हुए तो कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) छुट्टियां बढ़कर 300 हो सकती है. बीते दिनों लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी.
नए वेज कोड के बारे में कहा जा रहा है कि काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा.अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी. अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी. हालांकि इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है.
सभी तरह के वर्कर्स को मिनिमम वेज मिलेगा. सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड की सुविधा दी जाएगी. संगठित और असगंठित सेक्टर के सभी कर्मचारियों को ESI का कवरेज मिलेगा. महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी.
नए वेज कोड के नियमों के लागू होने के बाद कर्मचारियों की Take Home Salary में कमी आ सकती है. क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है.
Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा. पीएफ के साथ Monthly Gratuity में भी योगदान बढ़ जाएगा. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.