New ITR Website: करदाता अब नए पोर्टल पर आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग ने अपने पोर्टल को अपडेट कर दिया है. इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते आयकर दाखिल करने की समय सीमा को आगे बढ़ाया गया है. आईटीआर दाखिल करने समय सीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया है. नई दिल्ली बेस्ड एक सीए ने बताया कि समयसीमा के विस्तार की अधिसूचना ई-फाइलिंग पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई थी, इसलिए इसने धारा 234F के तहत उन करदाताओं से विलंब शुल्क लेना शुरू कर दिया, जो 31 जुलाई के बाद आईटीआर दाखिल कर रहे थे.
अब विभाग ने अपने पोर्टल को अपडेट किया है, जिसके परिणामस्वरूप पोर्टल विलंब शुल्क नहीं ले रहा है. इसलिए अब जो करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं, वे विभाग के नए पोर्टल से अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
धारा 234F के तहत लेट फाइलिंग शुल्क तब लिया जाता है, जब कोई व्यक्ति निर्धारित देय तिथि तक आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने में विफल रहता है. आमतौर पर धारा 234F के तहत लेट-फाइलिंग शुल्क 5,000 रुपये है. हालांकि, अगर किसी व्यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो देय शुल्क 1,000 रुपये है.
मनी9 ने पहले बताया था कि कैसे देश भर के टैक्स फाइलर्स और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नए ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ी को रेखांकित किया है और इस मुद्दे को हल करने का अनुरोध किया है. ऐसे ही एक यूजर एस एस पांडे ने ट्विटर पर लिखा “आईटीआर देर से दाखिल करने पर जुर्माना लग रहा है… आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि बदलें. यह 31 जुलाई के बजाय 21 सितंबर है, जैसा कि सरकार द्वारा घोषित किया गया है.”
नई आयकर वेबसाइट
नया पोर्टल 7 जून को करदाताओं के लिए लॉन्च किया गया था. लेकिन इसके लॉन्च के बाद से यूजर्स तकनीकी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं. इससे पहले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने शिकायत की थी कि करदाता पिछले ई-फाइल किए गए रिटर्न नहीं देख सकते हैं. इस असुविधा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद पोर्टल बनाने वाली कंपनी इंफोसिस और इसके अध्यक्ष नंदन नीलेकणी से तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए कहा था. उसके बाद सीतारमण ने ट्विटर का सहारा लिया और इंफोसिस और उसके अध्यक्ष को समस्या को ठीक करने के लिए कहा. नीलेकणि ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि इन्फोसिस खामियों को दूर करने के लिए काम कर रही है.