लंबे समय से रुकी हुई रोजगार नीति (Employment Policy) को अब अगले आठ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए पांच प्रमुख सेक्टरों का सर्वे भी किया जाएगा. सर्वे के बाद इस नीति (Employment Policy) में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं. कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से नौकरी और आय दोनों में ही कमी आई है. इससे लोग परेशान हैं. इसके बाद से ही रोजगार नीति (Employment Policy) को जल्द लाने की मांग उठ रही है.
इन पांच सेक्टरों में होगा सर्वे
रोजगार नीति के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों, पेशेवरों, प्रवासियों, घरेलू श्रमिकों और परिवहन क्षेत्र में सर्वे किया जाएगा. इसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार होगी और इसके बाद रोजगार नीति को लाया जाएगा.
सर्वे से अधिकारियों को औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के लिए एक व्यापक रोजगार नीति तैयार करने में मदद मिलेगी.
सर्वे से बेहतर बनेगी नीति
अधिकारियों के मुताबिक, रोजगार नीति के लिए ये सर्वे बॉल रोलिंग का काम करेंगे। एक बार डेटा सेट होने के बाद इस नीति बनाने में बहुत मदद मिलेगी. इससे इस रोजगार नीति का लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सकेगा.
पिछले छह महीनों के कामों को देखा जाएगा
श्रम मंत्रालय ने एक ईमेल के मुताबिक, सर्वेक्षणों में सभी सेक्टरों में पिछले छह महीने के काम शामिल होंगे. काम के साथ उनके परिणामों को भी देखा जाएगा. कोरोना में हुए नुसान के बाद से श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने को एक राष्ट्रीय नीति की मांग बढ़ रही है.
डोमेस्टिक श्रमिकों के अनुपात को दिखाएगा सर्वे
पांच रोजगार सर्वेक्षणों का उद्देश्य बाजार में नौकरी के लिए उपलब्ध अवसरों और डोमेस्टिक श्रमिकों की संख्या को दिखाना है. जिससे श्रमिकों को रोजगार देना आसान होगा.
पेशेवरों की संख्या का चलेगा पता
इस सर्वे से देश में सक्रिय पेशेवरों की संख्या का पता चलेगा. वहीं ये भी जाना जा सकेगा कि इन पेशेवरों द्वारा कितने लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. परिवहन का सेक्टर इसमें सबसे ज्यादा मदद करेगा.
सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनौपचारिक और औपचारिक क्षेत्र को एकसाथ देखने की जरूरत है. इसमें सर्वे से मदद मिलेगी. एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना में काफी लोगों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं. हालांकि अब हालात पहले से काफी बेहतर हैं. लेकिन अभी भी सभी सेक्टरों में नौकरियां नहीं है. अभी नए रोजगार ग्रामीण भारत में विशेष रूप से निर्माण और कृषि क्षेत्रों में हो रहे हैं.