National Doctor’s Day: राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 की लड़ाई में डॉक्टरों की भूमिका के लिए आभार जताते हुए कहा कि आज जब देश कोरोना से इतनी बड़ी जंग लड़ रहा है तो डॉक्टर्स ने दिनरात मेहनत करके लाखों लोगों का जीवन बचाया है. उन्होंने मेडिकल इंफ्रा से लेकर मेडिकल शिक्षा पर विकास की ओर बढ़ाए जा रहे कदम की भी जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने इसी के साथ डॉक्टर्स डे पर योग को बढ़ावा देने का भी संदेश दिया.
उन्होंने कहा, “ये पुण्य काम करते हुए देश के कई डॉक्टर्स ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया. मैं इन सभी डॉक्टरों को विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं. कोरोना से लड़ाई में जो भी चुनौतियां आईं. हमारे डॉक्टरों वैज्ञानिकों ने उतनी ही दवाइयां बनाईं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल 15000 करोड़ रुपये हेल्थकेयर को आवंटित किए थे. इस साल हेल्थ सेक्टर के लिए बजट 2 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा किया गया है. उन्होंने कहा, “हम 50000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम छोटे शहरों के लिए लेकर आए हैं. बच्चों के लिए भी हेल्थ इंफ्रा मजबूत करने के लिए 22,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं.”
स्वास्थ्य इंफ्रा और मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने की ओर काम करने का भरोसा दिलाते हुए मोदी ने कहा कि देश में तेजी से नए एम्स (AIIMS), मेडिकल कॉलेज और आधुनिक हेल्थ इंफ्रा खड़ा किया जा रहा है. इन सात सालों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है. मोदी ने कहा कि इतने कम समय में अंडर ग्रेजुएट सीट में 1.5 गुने और पोस्ट ग्रैजुएशन की सीटों की संख्या में 80 गुना का इजाफा हुआ है.
डॉकटर्स डे के मौके पर मोदी ने मेडिकल स्टाफ से लोगों के इलाज में योग को भी बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा, “इन दिनों एक और अच्छी चीज दिखाई दी है. मेडिकल से जुड़े लोग योग को भी प्रचारित कर रहे हैं. कोरोना के काल में योग, प्राणायाम से लोगों पर किस तरह से सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. कई आधुनिक मेडिकल संस्थान स्टडी कर रहे हैं. आप लोग मेडिकल साइंस को जानते हैं और एक भारतीय के लिए भी योग को समझना आसान होता है. जब आप इस पर स्टडी करते हैं तो दुनिया इसे गंभीरता से लेती है.”
डॉक्टरों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “क्या आईएमए इसे आगे ले जा सकती है? इसे इंटरनेशनल पेपर्स में छापा जाना चाहिए.”
शोध और डॉक्यूमेंटेशन पर जोर देते हुए मोदी ने अपील की कि वैक्सीन किस तरह से मदद कर रही है और कोई खास इलाज कैसे मदद कर रहा है, इस पर ज्यादा से ज्यादा स्टडी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछली सदी की महामारी की ज्यादा स्टडी मौजूद नहीं है. आज के डॉक्युमेंटेशन भविष्य के लिए मददगार साबित होगा.
हर साल एक जुलाई को देश भर में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. इसी दिन देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि होती है. यह दिन उन्हीं की याद में मनाया जाता है.
चिकित्सक समुदाय ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है और इस समय भी डॅाक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर देश सेवा में लगे हुए हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में अब तक 776 डॉक्टरों की जान जा चुकी है. IMA की रजिस्ट्री के मुताबिक बिहार में 115 डॉक्टरों की मौत हुई है जो अन्य सभी राज्यों के मुकाबले ज्यादा है. दिल्ली में 109 और उत्तर प्रदेश में 79 डॉक्टरों ने जान गंवाई है.
वहीं, महामारी की पहली लहर में 748 डॉक्टरों का निधन हुआ था.