भारत सरकार ने सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों (MSME) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बना दिया है. अब MSME के रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ पैन कार्ड और आधार की जरूरत होगी. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने 15 जून को इसकी घोषणा की. बता दें, इसमें पंजीकृत सभी व्यापारियों को बैंकों से लोन को प्राप्त करने में आसानी हो जाती है और इसके अंतर्गत आने वाले सभी व्यापारियों के लिए सामान्य ब्याज दरों की तुलना में ब्याज दर कम होती है.
15 जून को एक वेबिनार को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा है कि उद्यमिता और अन्य संबंधित पहलुओं के क्षेत्र में छोटी इकाइयों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. उन्होंने एमएसएमई उद्योग को सरकार द्वारा पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही उन्होंने बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से छोटे व्यवसायों को सहायता प्रदान करने के लिए आगे आने की उम्मीद जताई.
एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था के लगभग 45 प्रतिशत का हिस्सेदार है. यदि कोई भी उद्योगपति इसके अंतर्गत मिलने वाले लाभ को प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनके लिए सर्वप्रथम एमएसएमई में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है. सूक्ष्म एवं मध्यम वर्गीय उद्योगपतियों को इस सेवा के अंतर्गत अनेकों प्रकार के लाभ जैसे कि कम ब्याज दर, उत्पादन शुल्क में छूट, योजना कर सब्सिडी प्राप्त होते हैं. इसके अलावा भी पंजीकरण करने वालों को कई अन्य छूट मिलती हैं. इनके लिए सर्वप्रथम एमएसएमई में अपना पंजीकरण करवाना बेहद जरूरी होता है.
इससे पहले तक एमएसएमई में पंजीकरण करवाने के लिए आवेदनकर्ता के पैन कार्ड की प्रतिलिपि, प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड , पासपोर्ट , ड्राइविंग , लाइसेंस आदि की प्रतिलिपि और पासपोर्ट साइज के फोटो की जरूरत पड़ती थी. इसके अतिरिक्त लाभार्थी को कई अन्य दस्तावेजों का विवरण देना पड़ता था, जिनमें किराए के संपत्ति में उद्योग का विवरण, लाभार्थी का शपथ प्रमाण पत्र, लाभार्थी का घोषणा दस्तावेज, एनओसी आदि शामिल हैं. इसके अतिरिक्त लाभार्थी को उसके साक्षी के रूप में दो व्यक्ति चाहिए होते हैं.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार देश में एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इनकी योजनाओं को आर्थिक रूप से बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. उन्होंने कहा,”एमएसएमई उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर और रोजगार के बड़े अवसर पैदा कर देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.” उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य इस क्षेत्र के लिए एक सहायक तंत्र का निर्माण करना है ताकि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को बढ़ाया जा सके.
(PBNS)