सुप्रीम कोर्ट में राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को लेकर सुनवाई हुई है.मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 05 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को इलेक्शन कमीशन के समक्ष इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी एक सील बंद लिफाफे में देनी होगी. इसके साथ दलों को बैंक की डीटेल्स भी देना होगा. यानी चुनाव आयोग के सामने अब राजनितिक पार्टियों के पास इकट्ठे धन की सारी जानकारी होगी.
कोर्ट ने दिया आदेश
कोर्ट ने चुनाव आयोग से 2019 के अंतरिम आदेश के बाद से चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले धन के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की बात कही है. चुनावी बॉन्ड को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने हैरान कर देने वाला डेटा सामने आया है. इस डेटा के अनुसार, 2021-22 तक चुनावी बॉन्ड से सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर लगभग 9,188 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा हासिल हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा रकम बीजेपी के खाते में आई है. भारतीय जनता पार्टी को कुल रकम का 57 फीसद राशि मिली है जबकि कांग्रेस को इस राशि का 10 फीसद मिला है.
एडीआर ने जारी किया डेटा
एडीआर डेटा के अनुसार, साल 2016-17 से 2021-22 के बीच सात राष्ट्रीय दलों और 24 क्षेत्रीय दलों को चुनावी बांड के जरिए कुल 9,188.35 करोड़ रुपये का चंदा मिला. इसमें बीजेपी को 5,272 करोड़ रुपये यानी 57 फीसद और कांग्रेस को 952 करोड़ रुपये यानी लगभग 10 फीसद के करीब रकम हासिल हुई. बाकि राशि अन्य पांच दलों के खाते में जमा हुई है. एडीआर ने यह भी बताया है कि साल दर साल चुनावी बॉन्ड में जमा होने वाली राशि बढती ही जा रही है. वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2021-22 तक इसमें करीब 743 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, इसमें कॉर्पोरेट चंदा केवल 48 फीसद बढ़ा है.
कौन खरीद सकता है बांड ?
एडीआर की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 2016-17 और 2021-22 के बीच राजनीतिक दलों को मिले सभी तरह के दान का लगभग आधे से अधिक हिस्सा चुनावी बॉन्ड के जरिए था.गौरतलब है कि साल 2017 में एक वित्त विधेयक के माध्यम से चुनावी बॉन्ड योजना पेश की गई थी जिसे 2018 में लागू किया गया. इस योजना के नियम के अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत का कोई भी नागरिक अकेले या अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से या भारत में स्थापित संस्था खरीद सकती है. आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में बांड जारी करता है.