केरल के तट पर मॉनसून ने दी दस्‍तक, जानिए बाकी राज्‍यों में कब तक पहुंचेगा, क्‍या कहता है मौसम विभाग

Monsoon: अब मानसून (Monsoon) धीरे धीरे पश्चिम, मध्य और उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा और जून अंत तक इसके दिल्ली पहुंचने की संभावना है.

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दक्षिणी हवाओं के प्रभाव के कारण 11 अगस्त से इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है

दक्षिणी हवाओं के प्रभाव के कारण 11 अगस्त से इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है

देश में मानसून (Monsoon) की शुरुआत हो चुकी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसकी जानकारी दी है. आईएमडी के मुताबिक, 3 जून को केरल के दक्षिण तट पर मानसून (Monsoon) की बरसात हो रही है. केरल पहुंचने के बाद अब मानसून (Monsoon) धीरे धीरे पश्चिम, मध्य और उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा और जून अंत तक इसके दिल्ली पहुंचने की संभावना है.

तीन दिन की देरी से पहुंचा मानसून

मानसून (Monsoon)इस बार तय समय से तीन दिन देरी से पहुंचा है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार की सुबह 11 बजे दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा. इससे पहले मौसम विभाग ने 31 मई को केरल पहुंचने की संभावना जताई थी, लेकिन निश्चित समय पर मानसून ने दस्तक नहीं दी, हालांकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के आसपास पहुंच चुका है. वहीं केरल में 3 दिनों से प्री-मानसूनी बारिश हो रही है. राज्य में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है. देशभर में इस बार मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है.

इस बार सामान्‍य रहेगा मानसून

मौसम विभाग ने पूरे मानसून सीजन के दौरान अधिकतर संभावना 96-104 प्रतिशत बरसात होने की लगाई है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल 40 प्रतिशत संभावना है कि मानसून सीजन के दौरान 96-104 प्रतिशत बरसात होगी, ऐसी स्थिति में सामान्य मानसून कहा जाता है.

मौसम विभाग ने 16 प्रतिशत संभावना 104-110 प्रतिशत बरसात की लगाई है और इस स्थिति को सामान्य से अधिक बारिश माना जाता है. 5 प्रतिशत संभावना 110 प्रतिशत से ज्यादा बरसात होने की भी है और इस स्थिति को सामान्य से बहुत ज्यादा बरसात माना जाता है. यानि कुल मिलाकर मानसून सीजन के दौरान 61 प्रतिशत संभावना सामान्य या सामान्य से ज्यादा बरसात होने की है.

इस वजह से हुई मॉनसून में देरी

इस बार भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने संभावना जताई थी कि 1 जून से पहले मॉनसून आ जाएगा. इस बार यह तारीख 31 मई तय कर दी गई. यास और ताउते तूफान को देखते हुए निर्धारित तिथि पहले कर दी गई थी. बाद में मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून दो दिन देर हो गया है. वजह बताई जा रही है कि कर्नाटक के तटीय इलाकों में चक्रवाती हवा का प्रभाव है जो मॉनसून के आगमन को रोक रही है. केरल में मॉनसून के आवक के बारे में भारतीय मौसम विभाग 2005 से भविष्यवाणी कर रहा है. मौसम विभाग हमेशा अपनी भविष्यवाणी में 4 दिन का एरर मार्जिन यानी कि चार दिन पहले या चार दिन बाद मॉनसून आने की भविष्यवाणी करता है.

क्‍या कहता है भारतीय मौसम विभाग

Published - June 3, 2021, 03:45 IST