केरल में मॉनसून दो दिन की देरी के साथ दस्तक देगा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि केरल के तट पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून (Monsoon) 3 जून को टकराएगा.
अलग-अलग दावे
हालांकि, प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा है कि केरल में मॉनसून (Monsoon) पहले ही आ चुका है. स्काईमेट वेदर के प्रेसिडेंट (मीटियोलॉजी), जी पी शर्मा ने कहा है कि इस साल मॉनसून की शुरुआत “काफी कमजोर” है.
स्काईमेट वेदर ने पहले अनुमान जताया था कि केरल के तट पर मॉनसून 30 मई को दस्तक दे देगा.
इन दोनों दिग्गज मौसम पूर्वानुमान देने वाली एजेंसियों के अलग-अलग दावों से एक कनफ्यूजन की स्थिति पैदा हो रही है. IMD और स्काईमेट दोनों के अनुमान अलग-अलग हैं.
मॉनसून की राह में रोड़ा
IMD के डायरेक्टर जनरल एम महापात्रा ने कहा है कि कर्नाटक के तट के पास एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है जो कि दक्षिण पश्चिमी मॉनसून (Monsoon) को आगे बढ़ने से रोक रहा है.
IMD ने कहा है, “दक्षिण पश्चमी हवाएं 1 जून से फिर से मजबूत हो सकती हैं. इससे केरल में बारिश में इजाफा हो सकता है. ऐसे में केरल में मॉनसून (Monsoon) का आगमन 3 जून के करीब होगा.”
निचले स्तर की दक्षिण पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने से तेज से काफी तेज बारिश उत्तर पूर्वी राज्यों में अगले पांच दिनों में हो सकती है.
1 जून को केरल में दस्तक देता है मॉनसून
केरल में मॉनसून (Monsoon) की दस्तक सामान्य तौर पर 1 जून को हो जाती है. इसके साथ ही देश में चार महीने चलने वाले मॉनसून के सीजन की शुरुआत होती है.
इससे पहले मई में IMD ने अनुमान लगाया था कि केरल में मॉनसून का आगमन 31 मई को हो जाएगा. इसमें चार दिन की गलती की गुंजाइश रखी गई थी.
रविवार को सुबह IMD ने अपने डेली बुलेटिन में कहा है कि केरल में मॉनसून (Monsoon) की दस्तक 31 मई को होने की उम्मीद है. हालांकि, दोपहर आते-आते IMD ने कहा कि उसे केरल में मॉनसून के 3 जून तक आने की उम्मीद लग रही है.
सामान्य मॉनसून की उम्मीद
गौरतलब है कि इस साल देश में सामान्य मॉनसून (Monsoon) रहने की उम्मीद जताई जा रही है. देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बड़े स्तर पर मॉनसून की बारिश पर निर्भर है. देश में खरीफ फसलों का उत्पादन मॉनसून (Monsoon) की बारिश पर निर्भर करता है.