मानसून सीजन जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है. वैसे-वैसे मानसून को लेकर स्थिति बिगड़ने के अपडेट भी सामने आ रहे हैं. बीते 4 दिन से मानसून दक्षिण पश्चिम महाराष्ट्र में अटका हुआ है और आगे नहीं बढ़ रहा है. देश के कई राज्य और क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर मानसून सीजन में बारिश की कमी रेड जोन में पहुंच गई है. मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में अभी तक औसत के मुकाबले 51 फीसदी कम बारिश हुई है. 18 से 21 जून के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण प्रायद्वीप, पूर्वी भारत और उससे सटे इलाकों में पहुंच सकता है.
निचले इलाकों में भर सकता है पानी
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 15 जून यानी गुरुवार की शाम चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ से टकराएगा. गुजरात के तटीय इलाकों में 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका जताई गई है. लैंडफाल के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी के निचले इलाकों में हाईटाइड की वजह से पानी भर सकता है. इन जिलों के कुछ इलाकों में हाईटाइड 3 से लेकर 6 मीटर तक हो सकती है.
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 5 दिन ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है. पश्चिम बंगाल के गंगा से सटे इलाके और बिहार में अगले चार दिन, आंध्र प्रदेश एवं यनम के तटीय इलाके और तेलंगाना में अगले तीन दिन, दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में अगले दो दिन भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना कम है. अगले दो दिन तमिलनाडु और रायलसीमा में उमस के साथ गर्मी पड़ने की आशंका है. वहीं अलनीनो की वजह से खरीफ दलहन की खेती को लेकर आशंका बढ़ गई है. खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा पैदा होने वाले दलहन तुअर के प्रमुख उत्पादक राज्यों में या तो मानसून पहुंचा ही नहीं है या पहुंचा भी है तो बरसात काफी कम है, जिस वजह से तुअर की खेती पिछड़ने की आशंका है.