राफेल के बाद अब वायुसेना की महिला पायलट उड़ाएंगी ये लड़ाकू विमान

MiG-29 Squadron: देश की सुरक्षा के लिए महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर हवा में दुश्मनों को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है.

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PTI

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MiG-29 Squadron: देश की सुरक्षा के लिए महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर जमीन से लेकर पानी और हवा में, दुश्मनों को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. ऐसे में भारतीय वायु सेना पहली बार मिग-29 स्क्वाड्रन अपनी महिला लड़ाकू पायलटों को सौंपने के लिए तैयार है। मिग-29 चौथे प्रकार का लड़ाकू विमान है. 
पिछले दशक में मिग-29 (MiG-29 Squadron) को नए एवियोनिक्स, हथियार, रडार और हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले के साथ अपग्रेड किया गया था. इसमें फाइटर मिग-29 के एयरफ्रेम को ओवरहाल करने के साथ ही इसकी रेंज बढ़ाने के लिए इन-फ्लाइट रीफ्यूलिंग सिस्टम से लैस करना शामिल है.

चौथे प्रकार का लड़ाकू विमान उड़ाएंगी महिला पायलट
वैसे ये पहली बार नहीं है कि महिला पायलट लड़ाकू विमान उड़ाएंगी, बल्कि पहले से ही मिग-21 बाइसन, सुखोई-30 और राफेल का संचालन कर रही हैं लेकिन अब महिला पायलट चौथे प्रकार के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी. वायुसेना में पांच साल पहले महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने की शुरुआत हुई थी. ​​वायुसेना ने 2015 में 10 महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में कमीशन दिया था, जो वायु सेना के इतिहास में एक वाटरशेड थी. वायुसेना में 1994 से 2018 के बीच 184 महिला पायलट नियुक्त हुईं.

वायु सेना में लड़ाकू जेट उड़ाने वाली महिलाएं
इससे पहले वायुसेना ने पिछले साल फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को अंबाला स्थित फाइटर जेट राफेल की स्क्वाड्रन सौंपी थी. हालांकि अधिकांश महिला पायलटों ने मिग-21 के साथ शुरुआत की है. 2016 में एक साथ तीन फाइटर महिला पायलट 28 वर्षीय भावना कांत, अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह शामिल हुईं थीं. भावना कांत ने 2018 में अकेले 30 मिनट तक लड़ाकू विमान मिग-21 उड़ाकर इतिहास रचा था. फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट अकेले उड़ाकर भारतीय वायुसेना की दूसरी महिला पायलट बनीं.

9,118 महिलाएं तीनों सेनाओं में दे रही हैं सेवा
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया था कि इस समय 9,118 महिलाएं सेना, नौसेना और वायु सेना में सेवा दे रही हैं. इसके साथ ही उन्हें करियर की प्रगति को बढ़ावा देने के अधिक अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. पिछले छह वर्ष के भीतर सेना में महिलाओं की संख्या लगभग तीन गुना बढ़ गई है. भारतीय नौसेना ने लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद युद्धपोतों पर चार महिला अधिकारियों को तैनात किया है. भारत के एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और बेड़े के टैंकर आईएनएस शक्ति युद्धपोत का जिम्मा 1990 के दशक के उत्तरार्ध से महिला चालक दल को सौंपा गया था. नौसेना की रसद और चिकित्सा शाखाओं की महिलाओं को 1997 में बेड़े के टैंकर आईएनएस ज्योति पर तैनात किया गया था.

आर्मी एविएशन में भी महिलाओं होंगी शामिल
भारतीय सेना भी जल्द ही अपने विमानन विंग के दरवाजे महिला अधिकारियों के लिए खोल देगी. आर्मी एविएशन में अब तक महिला अधिकारी केवल ग्राउंड ड्यूटी कर रही थीं. सेना की विमानन शाखा हेलीकॉप्टरों का संचालन करती है. महिला अधिकारियों का पहला बैच जुलाई, 2021 में पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण शुरू करेगा. वे जुलाई, 2022 में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद फ्रंटलाइन फ्लाइंग की कमान संभालेंगी. इसी तरह नौसेना ने सितम्बर, 2020 में हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के लिए चुनी गई दो महिला अधिकारियों को युद्धपोतों के उड़ान डेक पर तैनात किया था.

Published - March 22, 2021, 12:23 IST