सरकार की फ्री राशन स्कीम शायद ज्यादा दिन न चले और चली भी तो मिलने वाले अनाज की मात्रा घट जाएगी. फ्री राशन स्कीम को लेकर यह आशंका चावल उत्पादन अनुमान में हुई कटौती के बाद बढ़ गई है. बुधवार को सरकार की तरफ से खरीफ फसलों को लेकर पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया था और धान का रकबा घटने की वजह से चावल उत्पादन में कमी आने की आशंका को अग्रिम अनुमान ने सच साबित कर दिया है.
सरकार का अनुमान कहता है कि इस साल खरीफ सीजन के दौरान देशभर में 1,049.9 लाख टन चावल का उत्पादन होगा. जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 68 लाख टन कम है. पिछले साल खरीफ सीजन के दौरान देश में 1,117.6 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था. चावल से पहले देश में गेहूं के उत्पादन में भी इस साल 27 लाख टन से ज्यादा की कमी आई है और इस वजह से केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 14 साल के निचले स्तर पर है. गेहूं का स्टॉक घटता देख सरकार ने फ्री राशन स्कीम के लिए चावल की सप्लाई बढ़ाई थी जिस वजह से केंद्रीय पूल में चावल का स्टॉक भी घट गया और कुल अनाज स्टॉक घटकर 5 साल के निचले स्तर 492 लाख टन पर आ गया है. यही वजह है कि अब फ्री राशन स्कीम के भविष्य को लेकर आशंका बढ़ गई है.
बुधवार को सरकार की तरफ से खरीफ फसलों का जो अनुमान जारी किया है. उसमें चावल के अलावा तिलहन उत्पादन घटने का भी अनुमान है. हालांकि दलहन उत्पादन पिछले साल के बराबर और कपास तथा मोटे अनाज का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अधिक होने का अनुमान है और उत्पादन में हुआ यह बदलाव मांग और सप्लाई को प्रभावित करेगा. जिसका असर भाव पर भी दिखेगा यानी कपास की महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है और चावल तथा तेल-तिलहन के भाव में कुछ बढ़ोतरी संभव है.