गोल्ड लोन के कारोबार से जुड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय फाइनेंस कंपनी(NBFC) मणप्पुरम पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय एजेंसी ने कंपनी के एमडी और सीईओ वीपी नंदकुमार से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर 143 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है. जांच एजेंसी ने नंदकुमार से जुड़े त्रिशूर स्थित छह परिसरों पर बुधवार को तलाशी अभियान शुरू किया था. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है. इस कार्रवाई के बाद कंपनी का शेयर भारी दबाव में है. शुक्रवार को कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर में 16 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई.
क्या हैं आरोप?
फाइनेंस कंपनी मणप्पुरम पर आरोप है कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी के बिना 150 करोड़ रुपए जमा किए हैं. कंपनी पर एक और बड़ा आरोप यह है कि उसने अपने ग्राहक को जानो (KYC) मानदंडों को पूरा किए बिना बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन किया है. इन आरोंपों की जांच करने के लिए ED ने केरल के त्रिशूर में स्थित कंपनी के एमडी वीपी नंदकुमार के छापेमारी करके 143 करोड़ रुपए संपत्तियां जब्त की हैं. शुरुआती जांच के बाद ईडी ने कहा कि पब्लिक डिपॉजिट के नाम पर कंपनी ने बड़े कैश ट्रांजैक्शन किए हैं. इस लेनदेन को एमडी वीपी नंदकुमार ने अपने कंपनी मणप्पुरम एग्रो फार्म्स MAGRO की मदद से किया है. ये लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हैं.
कितना टूटा शेयर?
ईडी की छोपेमारी के बाद मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर पर भारी दबाव है. बंबई शेयर में शुक्रवार को कंपनी का शेयर 102 से 112 रुपए के दायरे में रहा था. इस दौरान स्टॉक में 16 फीसद की गिरावट दर्ज की गई. शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट एवं रिसर्च हेड डॉ. रवि सिंह कहते हैं कि स्टॉक में पिछले तीन दिन में 20 फीसद से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई है. डॉ. रवि सिंह कहते हैं कि अभी यह शेयर 80 रुपए तक टूट सकता है. अगर यह स्टॉक 95 के लेवल से टूटता है तो इस स्टॉक से निकल जाना चाहिए. यह स्टॉक पिछले एक महीने में 16 फीसद और 1 साल में सात फीसद गिरा है. इस स्टॉक में इतना पॉजिटिव रिटर्न नहीं मिला है जितना नेगेटिव रिटर्न दिया है. ऐसे में नए निवेशकों को भी इस स्टॉक से दूर रहना चाहिए. जब किसी भी खबर की वजह से स्टॉक पर असर पड़ता है तो वो एक लेवल तक ठीक होता है. ऐसे में 15 दिन का समय काफी है जिसमें भाव में करेक्शन होने की संभावना रहती है. लेकिन 19 अप्रैल से अब तक इसने कोई भी पॉजिटिव क्लोजिंग नहीं दी है. इसलिए निवेशकों को अपना घाटे का एक्सपोजर कम करना चाहिए.
क्या करें निवेशक?
डॉ. रवि सिंह कहते हैं कि मणप्पुरम के फंडामेंट्ल्स की बात करें तो इसका मार्केट कैप 8700 करोड़ रुपए है. इसके फाइनेंशियल नंबर स्थिर हैं. अगली एक-दो तिमाही में भी इसके स्थिर रहने की ही संभावना है. लेकिन ED के छापे पड़ने की वजह से हाल फिलहाल में इसके नंबर वॉलेटाइल हो सकते हैं. साथ ही ब्याज दरें बढ़ने की वजह से इसके कारोबार पर भी असर पड़ सकता है. इस स्टॉक के मुकाबले निवेशकों को मुत्थूट की ओर रुख करने की सलाह दे रहे हैं. मणप्पुरम फाइनेंस के स्टॉक में अभी 20 फीसद का करेक्शन और देखने को मिल सकता है. तो निवेशक खरीदने की बजाय निकलने का रास्ता देखें. एक बार जब यह स्टॉक 70 के लेवल पर आ जाए तो इसमें दोबारा निवेश करने पर विचार किया जा सकता है.