बेहद खास है गिर का आमः पूरी दुनिया है केसरी की मुरीद, क्या आपने खाया?

Mango: गुजरात के गिर केसर आम इस साल पहली बार एयर कार्गो के बजाय जहाज से निर्यात किया गया है. कंटेनर 25 दिनों में इटली पहुंचने की उम्मीद है.

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गुजरात का गिर केवल अपने शेरों के लिए ही दुनियाभर में मशहूर नहीं है. इस खूबसूरत इलाके की एक और चीज अब दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. ये हैं यहां के आम. गिर के आम अब पूरे यूरोप को अपनी महक और स्वाद से अपना मुरीद बना रहे हैं.

गिर का केसर आम  

गिर के मशहूर केसर आम (Mango) का स्वाद गुजरात और भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में पहले भी चखा जा चुका है.

इस साल इटली समेत यूरोपीय देशों को 100 टन केसर आम का निर्यात होने की उम्मीद है. हाल ही में तलाला-गिर से 14 टन केसर आम का इटली को निर्यात किया गया है.

पहली बार जहाज से किया गया निर्यात

गुजरात के गिर का केसर आम इस साल पहली बार एयर कार्गो के बजाय जहाज से निर्यात किया गया है. केसर आम के कंटेनर 25 दिनों में मुंद्रा बंदरगाह से समुद्र के रास्ते इटली पहुंचने की उम्मीद है.

इस बारे में तलाला मैंगो मार्केट के सचिव एचएच जारसानिया ने कहा कि गिर के केसर आम की अमेरिका और जापान में मांग है, लेकिन तकनीकी कारणों से इस साल इन देशों को निर्यात नहीं किया जा सका.

हालांकि, 10 दिनों में एक और कंटेनर भेजने की योजना है.

यूरोपीय देशों में केसर आमों की बढ़ी मांग

यूपी के इलाहाबाद के रहने वाले और फिलहाल इटली में ट्रेडिंग कर रहे विजय सहाय ने बताया कि भारत के तलाला-गिर इलाके से पहली बार केसर के आम समुद्र के रास्ते इटली पहुंच रहे हैं.

केसर आम की कीमत इटली समेत यूरोपीय देशों में काफी ज्यादा है और मांग भी बढ़ी है. गिर केसर आमों को अच्छे विपणन के साथ, इटली सहित यूरोपीय देशों में एक ऐसा बाजार मिल सकता है, जो 100 टन से अधिक आमों की खपत कर सके.

इटली से अन्य देशों में भेजे जाते हैं आम

विजय सहाय ने बताया कि अब तक 5 कंटेनरों में 75 टन केसर आम भेजे जा रहे हैं.

केसर आम इटली के माध्यम से अन्य देशों में भेज दिए जाते हैं, क्योंकि इटली मुख्य वितरण केंद्र है और भारत के मुंद्रा बंदरगाह का निकटतम बंदरगाह है.

वहां से इसे स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया समेत यूरोपीय देशों में भेजा जाता है.

इस साल हमने तलाला-गिर जिले से 300 से 400 टन केसर आम खरीदने और निर्यात करने की योजना बनाई थी, लेकिन तलाला में तूफान के कारण हम इस बार केवल 100 टन केसर आम खरीद और निर्यात कर पाएंगे.

निर्यात करने से पहले कई स्तर पर होता है काम

विदेशों में गिर केसर आम का निर्यात करना आसान नहीं है, क्योंकि कई नियमों का पालन करने के लिए आमों को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है.

इस संबंध में केसर आम के निर्यातक अंजुंभाई ने बताया कि तलाला मार्केटिंग यार्ड द्वारा संचालित वीरपुर गिर में 4 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से पैक हाउस का निर्माण किया गया है.

इस पैक हाउस में प्रसंस्कृत केसर आम का विदेशों में निर्यात किया जाता है.

किसानों के बागों से लाए जाने के बाद केसर आमों को धुलाई-सफाई करते हैं साथ ही आवश्यक रासायनिक प्रसंस्करण किया जाता है.

आम को उनके आकार और वजन के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है. उसके बाद, 200 ग्राम से अधिक वजन वाले आमों को अलग करके बक्सों में पैक किया जाता है.

कोल्ड स्टोरेज में भरने से पहले उसे सामान्य रूप से ठंडा किया जाता है.

ये है प्रक्रिया

पैक हाउस में फिर आमों को 23 डिग्री के तापमान पर ठंडा किया जाता है. वीरपुर गिर के एक पैक हाउस में दो-तीन और चार किलो वजन के केसर आम के आकर्षक 15,000 पेटी तैयार किए गए.

14 टन आम के तैयार पेटी वीरपुर-गिर से मुंद्रा बंदरगाह तक पूरी तरह सुसज्जित अत्याधुनिक कंटेनर में भेजकर इटली भेज दी गई है.

Published - June 2, 2021, 06:44 IST