प्‍लॉट खरीदने के लिए मिलता है लोन, होम लोन से यह कितना अलग है और इसकी क्‍या हैं शर्तें?

लोन-टू-वैल्‍यू रेशियो का मतलब है कि किसी प्रॉपर्टी की तय कीमत का कितना फीसदी आपको लोन के रूप में मिलेगा.

  • Team Money9
  • Updated Date - November 4, 2021, 10:43 IST
SBI Home Loan:

कई फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन प्लॉट की खरीद के लिए लोन देते हैं जिन्हें प्लॉट लोन कहा जाता है. आप कैलकुलेटर का उपयोग करके प्लॉट लोन की अपनी पात्रता कभी-भी चेक कर सकते हैं. आपको यह ध्यान रखना होगा कि प्लॉट लोन, होम लोन से अलग होते हैं. अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा है और आप सभी पात्रता मानदंड पूरे करते हैं, तो आप कम ब्याज़ दर पर प्लॉट लोन मिलने की उम्मीद कर सकते हैं.

कितने दिन के लिए मिलता है लोन और क्‍या होता है ब्‍याज़?

जानकारों का मानना है कि अधिकतर वित्‍तीय संस्‍थान प्‍लॉट लोन को जोखिम भरा मानते हैं. यही कारण है कि होम लोन की तुलना में प्‍लॉट लोन का ब्‍याज कुछ बेसिस प्‍वॉइंट ज्‍यादा होता है. इसमें तकरीबन 25 बेसिस प्‍वॉइंट यानी 0.25 फीसदी का अंतर होता है.

होम लोन की तुलना देखें तो प्‍लॉट लोन की अवधि कम ही होती है. एक तरफ आप होम लोन 20 से 25 साल के लिए ले सकते हैं, वहीं दूसरी ओर प्‍लॉट लोन आपको अधिकतम 15 साल के लिए ही मिलता है. उदाहरण के लिए देखें तो प्राइवेट सेक्‍टर का एचडीएफसी आपको अधिकतम 15 साल के लिए ही प्‍लॉट लोन देगा.

इसके अलावा आपको यह भी जानना चाहिए कि अधिकतर वित्‍तीय संस्‍थानों ने प्‍लॉट लोन खरीदने के लिए दिए जाने वाले लोन पर अधिकतम लिमिट तय कर रखी है.

क्‍या होता है लोन टू वैल्‍यू रेशियो

लोन-टू-वैल्‍यू रेशियो का मतलब है कि किसी प्रॉपर्टी की तय कीमत का कितना फीसदी आपको लोन के रूप में मिलेगा. होम लाने के मामले में वित्‍तीय संस्‍थान घर की कीमत के 90 फीसदी तक के लिए लोन देते हैं. लेकिन प्‍लॉट लोन के लिए यह 80 फीसदी से अधिक नहीं होता है. जैसे-जैसे उस प्‍लॉट की वैल्‍यू बढ़ती रहती है, वैसे-वैसे उसी लोन-टू-वैल्‍यू रेशियो घटती रहती है.

अगर आप एचडीएफसी से 75 लाख रुपये तक का लोन लेते हैं तो आपको प्‍लॉट की कीमत का 80 फीसदी तक ही लोन मिल सकता है. वहीं, 75 लाख रुपये से अधिक के लिए लोन की रकम रकम 75 फीसदी ही होती है.

क्‍या लोन लेकर प्‍लॉट खरीदने पर घर बनाना जरूरी है?

आमतौर पर लोन अग्रीमेंट में ही यह शर्त होती है कि ज़मीन खरीदने के एक तय समय के अंदर उसपर कंस्‍ट्रक्‍शन का काम शुरू हो जाएगा. मान लीजिए कि लोन जारी होने के 18 से 24 महीने के अंदर इस प्‍लॉट काम शुरू करना होगा. प्‍लॉट लोन का कॉन्‍सेप्‍ट इसी शर्त पर तैयार किया गया है कि कोई व्‍यक्ति आवासीय प्रॉपर्टी बनाने के लिए ही प्‍लॉट खरीद रहा है. अधिकतर बैंक घर बनाने के लिए 2 से 3 साल का समय देते हैं.

इस अवधि के खत्‍म होने के बाद आपको बैंक को यह प्रूफ देना होगा कि उस प्‍लॉट पर कंस्ट्रक्‍शन हो चुका है. अगर आप ऐसा करने में फेल हो जाते हैं तो बैंक आपको प्‍लॉट लोन रेट पर 2 से 3 फीसदी की पेनाल्‍टी लगा सकता है.

Published - November 4, 2021, 10:43 IST