जानिए डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड कैसे करते हैं रिस्क कम

यह फंड को प्रॉफिट बुक करने में मदद कर सकता है और मार्केट को देखते हुए ज्यादा कंजरवेटिव एसेट को चुन सकता है.

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शेयर के बदले लोन लेने पर बाजार में गिरावट का असर साफ देखने को मिलता है. कारण है कि आपके शेयरों की वैल्यू कम हो जाती है.

शेयर के बदले लोन लेने पर बाजार में गिरावट का असर साफ देखने को मिलता है. कारण है कि आपके शेयरों की वैल्यू कम हो जाती है.

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड वो म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं जो डायनेमिक हैं. मार्केट के मूड की परवाह किए बिना प्री-डिफाइंड प्रपोर्शन में डेट और इक्विटी में निवेश करने वाले ट्रेडिशनल एसेट एलोकेशन फंडों के विपरीत, डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड वो फंड हैं जो प्राइस टू अर्निंग (P/E) रेशियो के आधार पर इक्विटी, इक्विटी-लिंक्ड डेरिवेटिव्स और डेट में फंड एलोकेट करते हैं. ये फंड इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स या डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 0% से 100% तक एलोकेट कर सकते हैं.

प्रॉफिट बुक करने में मिलती है मदद

डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड में किसी एसेट क्लास से बाहर निकलने की फ्लेक्सिबिलिटी होती है, अगर वैल्यूएशन उनके इंटरनल मॉडल के हिसाब से ज्यादा लगता है. यह फंड को प्रॉफिट बुक करने में मदद कर सकता है और मार्केट को देखते हुए ज्यादा कंजरवेटिव एसेट को चुन सकता है.

डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड में निवेश करते समय, कम से कम 2-3 साल का नजरिया होना चाहिए. डायनेमिक फंड हमेशा लंबे समय तक रखने की सलाह दी जाती है.

ये फंड कैसे काम करते हैं?

यह ठीक ही कहा गया है कि इन्वेस्टमेंट में लॉन्ग टर्म सक्सेस के लिए मंदी से बचना जरूरी है. डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड में निवेश के पीछे यही नियम काम करता है.

एसेट एलोकेशन एक से अधिक एसेट क्लास में पैसा लगाकर किया जाता है. डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड अपने अपसाइड के दौरान इक्विटी बेचते हैं और डेट/हेज्ड डेरिवेटिव्स में रीइन्वेस्ट करते हैं. इस तरह, बुल मार्केट के दौरान भले ही रिटर्न कम रहता है लेकिन बुल रन खत्म होने के ठीक बाद, ये फंड मैक्सिमम प्रॉफिट कमाते हैं.

आइए इसे आपको एक सरल उदाहरण से समझाते हैं: एक फंड ने अपने फंड का 40% इक्विटी में, 20% डेट में और 30% इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया है, जबकि 10% कैश के रूप में हाथ में रखा है. जब इक्विटी मार्केट पीक पर होता है, तो फंड इक्विटी पोर्टफोलियो को लगभग 20% से कम कर देता है, जबकि डेट में एक्सपोजर बढ़ाता है. अब जब इक्विटी मार्केट में गिरावट आती है, तो फंड डेट में निवेश को कम करते हुए इक्विटी में अपने निवेश को फिर से बढ़ाता है.

डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड मार्केट बिहेवियर के रिसर्च किए गए मॉडल को फॉलो करते हैं. ये फंड “लो लेवल पर इक्विटी खरीदने और हाई लेवल पर मुनाफा कमाने” के टाइम-टेस्टिड फॉर्मूले पर काम करते हैं. इसलिए, वोलैटिलिटी को कम रखते हुए बेहतर रिटर्न कमाना ही इनका प्राइमरी ऑब्जेक्टिव है.

टैक्सेशन

जो बात डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड को और भी आकर्षक बनाती है, वो ये है कि इन फंडों पर इक्विटी फंड की तरह टैक्स लगाया जाता है, जहां लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स सिर्फ 10% है, वो भी एक फाइनेंशियल ईयर में 1 लाख रुपये से ऊपर पर. यहां तक कि शॉर्ट टर्म गेन पर भी 15% टैक्स लगता है, जो कि प्योर डेट फंड या बैंक डिपॉजिट पर लागू रेट से कम है.

कन्कलूजन

यह कन्कलूजन निकाला जा सकता है कि डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड उन लोगों के लिए हैं जिनकी रिस्क कैपेसिटी कम है और नजरिया लंबे समय का है. ये फंड आपको बैंक डिपॉजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद कर सकते हैं.

(लेखक निवेश डॉट कॉम के CEO हैं. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)

Published - August 9, 2021, 08:48 IST