Kisan Sarathi: फसल और सब्जियों को सही तरीके से बेच भी सकेंगे किसान

Kisan Sarathi: किसान सारथी डिजिटल प्लेटफॉर्म, भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा शुरू किया गया है. किसानों को अपनी भाषा में सही जानकारी मिल पाएगी.

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pixabay, eNAM एक ऑनलाइन ट्रेडिंग मार्केट है, जहां पर देश के किसान अपनी उपज को बिना किसी बिचौलिए की मदद से बेच सकते हैं.

pixabay, eNAM एक ऑनलाइन ट्रेडिंग मार्केट है, जहां पर देश के किसान अपनी उपज को बिना किसी बिचौलिए की मदद से बेच सकते हैं.

Kisan Sarathi: खेती-किसानी में सूचना प्रौद्योगिकी यानि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है. किसानों के लिए सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘किसान सारथी’ लॉन्च किया है.

इस डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से किसानों को फसल और बाकी चीजों की जानकारी दी जाएगी.

फसल और सब्जियों को सही तरीके से बेच भी सकेंगे

‘किसान सारथी’की मदद से किसान फसल और सब्जियों को सही तरीके से बेच भी सकेंगे. सबसे अहम बात, किसान इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कृषि और उससे जुड़े विषयों पर सही और ठोस जानकारी वैज्ञानिकों से ले सकते हैं.

पहले फेज में किसान सारथी प्लेटफॉर्म बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए शुरू किया जाएगा. जिसके बाद दूसरे राज्यों में इसका विस्तार किया जाएगा.

इस अवसर पर ‘किसान सारथी’ नामक सूचना संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित इंटरफेस मंच भी जारी किया, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ स्थानीय स्तर पर कृषि का समर्थन करने के लिए एक बुद्धिमतापूर्ण/कुशल ऑनलाइन कृषि प्रौद्योगिकी मंच है.

किसान अपनी भाषा में ले पाएंगे जानकारी

किसान सारथी डिजिटल प्लेटफॉर्म, भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसानों को अपनी भाषा में सही समय पर सही जानकारी मिल पाएगी.

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए किसानों को सबसे पहले अपनी बेसिक जानकारी पोर्टल पर भरनी होगी, इसमें कृषि, मछली पालन, पशुपालन या बागवानी चुन सकते हैं.

विषय के जो एक्सपर्ट होंगे वह इसमें अपने किसान की प्रोफाइल ‘नो योर फार्मर’ या केवाईएफ को एक्सेस कर पाएंगे. किसान अपनी सहूलियत के अनुसार अपनी भाषा में टेक्स्ट मैसेज या वॉइस मैसेज भेज पाएंगे.

देश के किसान और डिजिटल एग्रीकल्चर

सुरक्षित, पौष्टिक और किफायती भोजन उपलब्ध कराने के साथ, खेती को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से लाभदायक और टिकाऊ बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी यानि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, बस यही डिजिटल एग्रीकल्चर है.

वर्तमान में किसान खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं से निपटने, कृषि विधियां सीखने और दुनिया भर में हो रहे कृषि प्रयोगों के बारे में जानने के लिए फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब जैसे साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

सरकार द्वारा किसान कॉल सेंटर, ई-चौपाल, ग्रामीण ज्ञान केंद्र, ई-कृषि जैसी योजनाओं की शुरुआत आईटी के जरिए ही हुई. खेती को बेहतर करने में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े ये प्लेटफॉर्म काफी कम आ रहे हैं.

आज किसान घर बैठे कृषि वैज्ञानिकों के बताए तरीकों से इन समस्याओं से निपट रहे हैं. किसान सारथी प्लेटफॉर्म भी इसी कड़ी में सम्मिलित है.

Published - July 17, 2021, 05:11 IST