नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने मंगलवार को जेट एयरवेज (Jet Airways) को लेकर कलरॉक-जालान कंसोर्टियम योजना को मंजूरी दे दी है. इसके जरिए अब जेट एयरवेज (Jet Airways) यात्रियों के साथ दोबारा उड़ान भर सकेगा. मालूम हो कि साल 2020 में मुरारी लाल जालान-कलरॉक कैपिटल गठबंधन ने जेट एयरवेज के लिए बोली जीती थी. जिसके बाद से जेट एयरवेज के दोबारा संचालन की उम्मीद जगी थी.
वित्तीय संकट ने दो दशकों से अधिक समय तक गुजरने वाली जेट एयरवेज (Jet Airways) को 17 अप्रैल, 2019 को परिचालन निलंबित करने के लिए मजबूर होना पडा था. इस दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में ऋणदाताओं के एक संघ ने बकाया वसूलने के लिए जून 2019 में एक दिवाला याचिका दायर की थी. जिसमें 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.
मोहम्मद अजमल और वी नालसेनपति की अध्यक्षता में एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने जेट एयरवेज के लिए प्रस्ताव योजना को मंजूरी दे दी है जिसे 22 जून से शुरू होने वाले 90 दिनों में लागू करना होगा. एक मौखिक आदेश में, पीठ ने यह भी कहा कि यदि प्रभावी तिथि के और विस्तार की जरूरत होती है तो समाधान आवेदक (जालान कलरॉक कंसोर्टियम) फिर से ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकता है.
जेट एयरवेज (Jet Airways) के लिए स्लॉट आवंटन की ऐतिहासिकता पर, ट्रिब्यूनल ने कहा कि वह कोई निर्देश नहीं दे रहा था और इस मुद्दे को सरकार या उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.
जेट एयरवेज (Jet Airways) दो साल से दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत एक समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है, और इसके मामलों का प्रबंधन समाधान पेशेवर आशीष छावछरिया द्वारा किया जा रहा है.
सीओसी द्वारा समाधान योजना को अपनी मंजूरी दिए जाने के बाद, छावछरिया ने एनसीएलटी से संपर्क किया था, जिसमें कहा गया था कि “स्लॉट योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि डीजीसीए और एमओसीए उसी पर अपना रुख प्रस्तुत करें”.
हालांकि, ट्रिब्यूनल को एक संयुक्त हलफनामे में, डीजीसीए और एमओसीए ने प्रस्तुत किया था कि जेट एयरवेज ऐतिहासिक प्राथमिकता के आधार पर स्लॉट के अनुदान के लिए योग्य नहीं है और आवंटन ‘स्लॉट आवंटन दिशानिर्देशों’ पर आधारित होगा.
जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन मानी जाती थी. धन की भारी कमी के बाद से साल 2019 में इसे बंद कर दिया गया था. उस समय, SBI के नेतृत्व वाले संघ ने दिवालियापन संहिता के तहत समाधान के लिए NCLT के पास भेजा गया था. इस दौरान एयरवेज के स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे. जेट एयरवेज को कलरॉक-जालान ने साल 2020 में खरीदा था. समाधान योजना के अनुसार, कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने 5 वर्षों के भीतर इसका विस्तार कर 120 तक ले जाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय और कार्गो विमान शामिल होंगे.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा जालान कलरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद जेट एयरवेज के शेयरों में मंगलवार को 5 फीसदी का उछाल आया. बीएसई पर स्टॉक 4.96 प्रतिशत चढ़कर 99.45 रुपये तक अपने अपर सर्किट पर पहुंच गया. एनएसई पर, यह 4.96 प्रतिशत बढ़कर 99.45 रुपये पर पहुंच गया.