जेट एयरवेज को दोबारा जिंदा करने की योजना को NCLT की मंजूरी मिलने की खबर पैसेंजर्स और एविएशन सेक्टर के प्रोफेशनल्स दोनों के लिए एक अच्छा कदम है. जेट कभी एक दिग्गज कंपनी रही है और इनवेस्ट्स के बीच इसकी एक प्रतिष्ठा है.
इस फैसले से मुश्किल के दौर में फंसी हुई इस एयरलाइंस के एंप्लॉयीज के लिए भी उम्मीद की एक किरण पैदा हुई है. इन्हें अपने लिए नौकरी ढूंढना मुश्किल हो रहा था. साथ ही भारत जैसे मार्केट साइज में एविएशन सेक्टर में और ज्यादा कंपनियों का आना जरूरी है.
इस फैसले का शेयर बाजार ने भी स्वागत किया है. NCLT का फैसला आने के दूसरे दिन भी जेट एयरवेज के शेयरों में तेजी का दौर रहा है. NCLT ने जेट एयरवेज के लिए जालान कालरॉक कंसोर्शियम की बोली को अपनी मंजूरी दे दी है.
बुधवार को BSE और NSE दोनों पर जेट एयरवेज के शेयर 4.98 फीसदी के अपर सर्किट के साथ चढ़कर 104.4 रुपये पर पहुंच गए.
एयरलाइंस के साथ जुड़े लोगों के लिए गुजरा वक्त काफी मुश्किलभरा रहा है. ऐसे में ट्राइब्यूनल के आदेश इन सभी लोगों के मन में उम्मीद की किरण पैदा कर दी है.
मौजूदा वक्त में जेट में 3,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व एंप्लॉयीज भी चाहते हैं कि एयरलाइंस जल्द से जल्द फिर से कामकाज शुरू करे.
जेट पर बैंकों का 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है और अलग-अलग कर्जदाता 24,887 करोड़ रुपये के दावे इस पर कर रहे हैं. NCLT ने 14,000 करोड़ रुपये क्लेम्स को स्वीकार कर लिया है.
नरेश गोयल की शुरू की गई जेट एयरलाइंस 1995 में शेड्यूल्ड कैरियर बनी और फरवरी 2005 में ये शेयर बाजारों पर लिस्ट हुई.
दो साल पहले जेट एयरवेज ने कामकाज बंद कर दिया और रिकवरी प्रक्रियाओं के चलते इसके दोबारा जिंदा होने की उम्मीदें तकरीबन खत्म हो गई थीं.
हालांकि, अभी भी काफी काम बकाया है और एयरलाइन को दोबारा खड़े करने की दिशा में ये पहला कदम है. कुछ रेगुलेटरी एप्रूवल्स और मैनेजमेंट फैसलों को तुरंत लेना होगा ताकि एयरलाइंस की रिकवरी के रास्ते में अवरोध न आएं.