देश में निजी चीनी मिलों के संगठन इस्मा (ISMA) ने चीनी वर्ष 2022-23 के लिए चीनी के उत्पादन अनुमान में एक बार फिर से कटौती की है. नए अनुमान में इस्मा ने इस साल 328 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान लगाया है. इससे पहले जनवरी में जो अनुमान जारी हुआ था उसमें 340 लाख टन उत्पादन का अनुमान था. पिछले साल अक्टूबर में जब पहला अनुमान आया था तो देश में 365 लाख टन चीनी उत्पादन होने की संभावना जताई गई थी.
इस्मा के आंकड़े बताते हैं कि चीनी वर्ष 2021-22 के दौरान देश में कुल 358 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. इस साल 15 अप्रैल तक देश में 311 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल 15 अप्रैल तक 328 लाख टन से ज्यादा चीनी पैदा हुई थी. इस तरह देश के कुल चीनी उत्पादन में 5.4 फीसद की कमी का अनुमान है. हालांकि इस बार चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी के उत्पादन तीन लाख टन की बढ़त दर्ज हुई है.
क्या होगा असर
देश में इस साल कुल 328 लाख उत्पादन होने का अनुमान है जबकि 55 लाख टन का पुराना स्टाक है. इस तरह कुल 383 लाख टन स्टॉक हो जाएगा. इसमें से 60 लाख टन का निर्यात हो चुका है. इस तरह देश में चीनी की उपलब्धता 323 लाख टन रहेगी. चीनी की सालाना घरेलू खपत 275 लाख टन है. खपत के बाद भी 48 लाख टन चीनी का अतिरिक्त स्टॉक रहेगा. माना जा रहा है कि सरकार आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाए रखने के लिए अतिरिक्त भंडार को सुरक्षित रखेगी. इस वजह से घरेलू बाजार में आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव आने की कोई आशंका नहीं है. केंद्रीय उपभोक्ता विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में चीनी का थोक भाव 3800 रुपए प्रति क्विंटल पर है. खुदरा बाजार में इसका भाव 41 रुपए के स्तर पर चल रहा है. इस भाव में बड़ा उतार-चढ़ाव आने के आसार नहीं है.