IRCTC और भेल मिलकर चला सकते हैं प्राइवेट ट्रेन

Indian Railways News: IRCTC और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए हाथ मिला सकते हैं.

IRCTC

वेबसाइट एक एल्गोरिथम का उपयोग करती है जो विभिन्न एयरलाइन वाहकों से उड़ान की कीमतों को कम्पाइल करती है जिसे यात्री आसानी से चुन सकते हैं

वेबसाइट एक एल्गोरिथम का उपयोग करती है जो विभिन्न एयरलाइन वाहकों से उड़ान की कीमतों को कम्पाइल करती है जिसे यात्री आसानी से चुन सकते हैं

रेलवे सेक्टर की सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) और ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज पीएसयू भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए हाथ मिला सकते हैं. इसके लिए दोनों के बीच चर्चा होने की खबर भी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक ये दोनों सरकारी कंपनियां उन मार्गों पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बनाने पर विचार कर रही हैं, जिनके लिए हाल ही में IRCTC ने बोली लगाई है.

IRCTC का बिजनेस मॉडल बड़ी पूंजी निवेश करने वाला नहीं

मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि ‘भेल प्राइवेट ट्रेन सेवा के लिए जरूरी पूंजी लगाएगी, जबकि IRCTC परिचालन संबंधी सभी जरूरतों की जिम्मेदारी संभालेगी.’ उन्होंने आगे कहा कि IRCTC का बिजनेस मॉडल बहुत बड़ी पूंजी निवेश करने वाला नहीं है. इसलिए वह भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के साथ इसे लेकर बातचीत कर रही है.

पिछले महीने, भारतीय रेलवे को IRCTC और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) से 29 जोड़ी निजी ट्रेनों के संचालन के लिए बोलियां मिली थीं, जिसमें दिल्ली में दो क्लस्टर के तहत 40 रेक और मुंबई जोन में एक क्लस्टर में लगभग 7,200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था. अब मंत्रालय को इन बोलियों के मूल्यांकन करके का फैसला लेना है.

13 शीर्ष कंपनियों को रेलवे ने किया शॉर्टलिस्ट

नवंबर 2020 में, आईआरसीटीसी, जीएमआर, एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (BHEL) और वेलस्पन एंटरप्राइजेज सहित कम से कम 13 शीर्ष कंपनियों को रेलवे की ओर से 151 ट्रेनों वाले 12 क्लस्टर में निजी ट्रेनों के संचालन के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था. स्पेन की कंपनी कॉन्सजट्रूसियोनेस वाई एलेक्सिरयर डी फेरोकारेलिस (Construcciones y Auxiliar de Ferrocarrils) ने भी रेल मंत्रालय के अनुरोध (आरएफक्यू) का जवाब देते हुए 35 साल के अनुबंध वाली इस परियोजना में रुचि दिखाई थी. इस परियोजना में 30,000 करोड़ रुपये का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट होना है.

Published - August 4, 2021, 02:54 IST