5 महीने में 3 गुना बढ़ी महंगाई, कैसे 'गलेगी दाल'?

मार्च की तुलना में दालों की महंगाई में 3 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी

5 महीने में 3 गुना बढ़ी महंगाई, कैसे 'गलेगी दाल'?

सोमवार को जुलाई के रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी हुए. सब्जियों की महंगाई बढ़ने की वजह से जुलाई में रिटेल महंगाई अनुमान से ज्यादा बढ़कर 7.44 फीसद पर पहुंच गई. महंगाई के बढ़ने की वजह टमाटर को माना गया. लेकिन सिर्फ टमाटर ने ही महंगाई नहीं बढ़ाया है, महंगाई को 7 फीसद के ऊपर पहुंचाने में दालों का भी बड़ा योगदान है. सरकार के सांख्यिकी विभाग के मुताबिक जुलाई के दौरान दालों की रिटेल महंगाई बढ़कर 13.27 फीसद पहुंच गई है. मार्च में दालों की महंगाई का आंकड़ा सिर्फ 4.33 फीसद हुआ करता था. यानी मार्च की तुलना में दालों की महंगाई में 3 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है.

रिटेल बाजार में बढ़ने लगे दाम
दालों को लेकर जो हालात नजर आ रहे हैं, उन्हें देखकर लग रहा है कि इनकी महंगाई जल्द कम नहीं होगी. हो सकता है अगस्त में दालों की महंगाई और बढ़ जाए. रिटेल बाजार में दालों का बढ़ा हुआ भाव भी इनकी महंगाई दर में बढ़ोतरी का संकेत दे रहा है. उपभोक्ता विभाग के मुताबिक 1 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक दिल्ली में अरहर दाल का औसत रिटेल भाव करीब 5 फीसद बढ़ चुका है, 1 अगस्त को दिल्ली में भाव 148 रुपए किलो था जो 16 अगस्त को 155 रुपए दर्ज किया गया. उड़द और चने की दाल का भी कुछ ऐसा ही हाल है. अगस्त की शुरुआत में दिल्ली में उड़द दाल का औसत भाव 127 रुपए था जो अब 130 रुपए हो गया है और इस दौरान चने की दाल का भाव 72 रुपए से बढ़कर 75 रुपए हो गया है. दालों की यह बढ़ी हुई कीमतें अगस्त के रिटेल महंगाई आंकड़ों में नजर आ सकती हैं.

दालों का उत्पादन घटने की आशंका
इस साल खरीफ सीजन में दालों की खेती का जो हाल है, उसे देखकर लग रहा है कि दालों की महंगाई से जल्द मुक्ति नहीं मिलेगी. कृषि मंत्रालय के मुताबिक 11 अगस्त तक देशभर में खरीफ दालों का रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब 10 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है. अरहर की खेती 2.28 लाख हेक्टेयर पिछड़ी हुई है, उड़द की खेती करीब 4.6 लाख हेक्टेयर पीछे है और मूंग का रकबा भी 2.35 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है. रकबा पिछड़ने की वजह से इस साल दालों की पैदावार घटने की आशंका है जिस वजह से आने वाले दिनों में सप्लाई प्रभावित हो सकती है और इसी आशंका से दालों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है.

विदेशों में भी घट सकता है उत्पादन
घरेलू स्तर पर दालों का उत्पादन घटने की वजह से विदेशों से दाल आयात बढ़ेगा, लेकिन इस साल उन देशों में भी दालों की उपज घटने की आशंका है जहां से भारत दलहन का आयात करता है. भारत में कनाडा से मटर और मसूर का बड़ी मात्रा में आयात होता है. कनाडा के कृषि विभाग के मुताबिक इस साल कनाडा में मसूर उत्पादन में 2 लाख टन से ज्यादा की गिरावट का अनुमान है साथ में मटर उत्पादन भी 4 लाख टन घट सकता है. कनाडा में मटर और मसूर का उत्पादन घटने की वजह से वहां से भारत को दालों की सप्लाई प्रभावित हो सकती है.

Published - August 17, 2023, 06:35 IST