पटरी पर है देश की वैक्सीनेशन ड्राइव, लक्ष्य पर बनाए रखना होगा फोकस

India's Vaccination Drive: भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिन्होंने दो वैक्सीन का उत्पादन किया है. तीसरी भी डिस्ट्रिब्यूशन के लिए तैयार है

india's vaccination drive is on track, need to remain focused

सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई है. अनुमान है कि इस महीने के अंत तक कम से कम एक डोज लगवा चुके लोगों की संख्या 100 करोड़ पहुंच जाएगी

सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई है. अनुमान है कि इस महीने के अंत तक कम से कम एक डोज लगवा चुके लोगों की संख्या 100 करोड़ पहुंच जाएगी

कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में वैक्सीन बेहद बेशकीमती चीज बन चुकी है. लैब में हुई तेज रिसर्च से लेकर देशों के बीच इसे लेकर हुई वार्ताओं तक, दुनिया की कोई सरकार नहीं होगी जिसने इसपर पूरा जोर न दिया हो. भारत भी दोनों ही मोर्चों से होकर गुजरा है. जानलेवा दूसरी लहर के बाद से देश ने महामारी पर अब बेहतर तरीके से काबू पाया है. इसमें अहम योगदान टीकाकरण का रहा है.

भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिन्होंने दो वैक्सीन का उत्पादन किया है. तीसरी भी डिस्ट्रिब्यूशन के लिए तैयार है. यह सच है कि वैक्सीन की व्यवस्था सही से नहीं किए जाने के कई आरोप शुरू में लगे थे. महामारी के इस स्तर पर फैलने और उससे हजारों लोगों की जान जाने पर इस तरह का आक्रोष स्वाभाविक है. इसी तरह यह जनता की तरफ राजनेताओं संवेदनशीलता का भी संकेत देती है.

टीकाकरण ने पकड़ रफ्तार

हालांकि, कुछ ही महीनों में सरकार ने सफलतापूर्वक टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई है. अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस महीने के अंत तक कम से कम एक डोज लगवा चुके लोगों की संख्या 100 करोड़ पहुंच जाएगी. देश की जनता को सुरक्षित करने के लिए सरकार चौथी तिमाही में जाकर ही वैक्सीन के निर्यात की अनुमति देगी. उसे उम्मीद है कि तब तक 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी देशवासी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके होंगे.

अब तक 18 साल से अधिक आयु की 73 प्रतिशत आबादी पहली डोज लगवा चुकी है. 29 फीसदी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके हैं. कम से कम एक डोज लगवा चुके लोगों की संख्या 96 करोड़ है.

टीके की खुराक के उत्पादन और डिलीवरी में तेजी आने से टीकाकरण की रणनीति में रहीं कमियों पर अब लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है. हालांकि, सरकार को किसी तरह की ढिलाई नहीं करनी होगी. बल्कि, रोजाना लगने वाली डोज की संख्या को एक करोड़ के पार पहुंचाने पर जोर देना होगा. जिस तरह किसी बल्लेबाज ने कितने रन बनाए, इसपर उसके प्रदर्शन को न आंक कर उसके सामने आए बॉलर्स की आक्रामकता और पिच की स्थिति के आधार पर शाबाशी दी जाती है. उसी तरह सरकार ने इतनी बड़ी आपदा का कैसे सफलतापूर्व सामना किया, इसके हिसाब से उसकी सराहना की जानी चाहिए.

Published - October 14, 2021, 06:44 IST