Indian Railways: भारतीय रेलवे ने रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कार्य योजना, निवारक उपाय, लोगों को अपराधों के प्रति जागरूक करना, असुरक्षित क्षेत्रों की पहचान कर उनकी निगरानी करना और यात्रियों के लिए सूचना तथा विशेष उपाय शामिल हैं. रेल मंत्रालय ने बताया कि प्रतिदिन 2 करोड़ से अधिक यात्री रेल का सफर करते हैं जिनमें से 20 प्रतिशत अर्थात 40 लाख महिलाएं हैं. ऐसे में महिला यात्रियों की सुरक्षा तथा रेलवे में महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को कम करने की दिशा में भारतीय रेलवे ने एक केन्द्रित योजना के तौर पर कई कदम उठाए हैं.
रेलवे और उत्पादन इकाइयों को दिशा-निर्देश किए जारी
रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने सभी क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों को जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनमें क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों को सलाह दी गई हैं कि सक्रिय उपाय अपना कर वे स्थानीय परिस्थितियों व जरूरतों के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अन्य प्रणालियों को लागू कर सकते हैं.
रेलवे ने कार्ययोजना को किया वर्गीकृत
रेलवे ने कार्ययोजना को अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना के रूप में वर्गीकृत किया है. अल्पकालिक योजना में संदिग्धों पर नजर रखना और असुरक्षित क्षेत्रों के ड्यूटी अधिकारियों और स्टाफ कर्मचारियों द्वारा नियमित निरीक्षण करना शामिल है. हालांकि दीर्घकालिक योजना में आधारभूत संरचना क्षेत्र में सुधार, सीसीटीवी की स्थापना और लाइट मास्ट लगाना शामिल है, जिसमें काफी समय लग सकता है.
चिन्हित रेलवे स्टेशनों में अपराध की दृष्टि से संवेदनशील सभी क्षेत्रों, घूमने-फिरने के स्थान, पार्किंग, फुट ओवर ब्रिज, संपर्क सड़कों, प्लेटफॉर्म के किनारे, रेलों की सफाई करने वाली लाइनों, डीईएमयू, ईएमयू, कार शेड्स, रख-रखाव डिपो इत्यादि के आस-पास प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. प्लेटफॉर्मों, यार्डों में काफी समय से खाली पड़े ढांचों और क्वार्टरों निर्जन स्थानों पर खड़ी इमारतों, जिनकी निगरानी नहीं होती उन्हें इंजीनियरिंग विभाग के परामर्श से तुरंत ढहाया जाना चाहिए.
लोगों की आवाजाही की की जानी चाहिए बंद
रेलवे परिसर में अनाधिकृत प्रवेश और निकास मार्गों तथा इनमें लोगों की आवाजाही को बंद किया जाना चाहिए. रेलवे यार्डों, गड्ढ़ों और स्टेशनों के समीप रेलवे क्षेत्रों में उगी अवांछित वनस्पति और घास की नियमित तौर पर कटाई कर इन्हें साफ रखना चाहिए. प्रतीक्षालय कक्षों में पूरी जांच तथा सत्यापन के बाद ही लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
यात्रियों से संबंधित सेवाओं में अनुबंध के आधार पर लगे कर्मचारियों का उचित पुलिस सत्यापन और पहचान पत्र होना जरूरी है और इसे मानक संचालन प्रक्रिया तथा जीसीसी के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए. रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में बिना पहचान पत्र के आने-जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. रेलवे यार्डों और कोच डिपो में किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और ऐसे स्थानों पर प्रवेश प्रणाली नियंत्रित की जानी चाहिए.
समय-समय पर जांच भी आवश्यक
खाली रेलगाड़ियों को सफाई लाइनों में भेजे जाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि सी एंड डब्ल्यू तथा इलेक्ट्रिकल स्टाफ ने इनकी पूरी जांच करने के बाद ही इन्हें बंद किया है. रेलवे यार्डों और उपयोग में नहीं लाई जाने वाली रेल लाइनों पर खड़े बेकार कोच (रेल डिब्बों) को पूरी तरह बंद रखा जाना जरूरी है और इनकी समय-समय पर जांच भी आवश्यक है.
रेल डिब्बों के रख-रखाव से संबंधित गतिविधियों और उनकी साफ-सफाई के बाद वाशिंग लाइनों में इनकी पूरी जांच करने के बाद इन्हें बंद कर इसी अवस्था में प्लेटफॉर्म पर लाया जाना चाहिए. कोच यार्डों और डिपो में उपयुक्त बुनियादी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। कोच डिपो और यार्डों में निगरानी प्रणाली भी लागू की जानी चाहिए. यात्री क्षेत्रों और इसके आसपास अवैध रूप से बनाए गए अतिक्रमणों को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाना चाहिए.