रेल मंत्रालय ने IRCTC को मोबाइल कैटरिंग के ऐसे सारे कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने को कहा है, जो यात्रियों को बेस किचन में तैयार किया गया खाना उपलब्ध कराने के से जुड़े हैं. मंत्रालय ने यह कदम मद्रास हाई कोर्ट में इससे जुड़ा मसला उठने के बाद उठाया है, जहां से रेलवे को चार हफ्तों के अंदर कोई समाधान निकालने को कहा गया था. रेलवे का कैटरिंग बिजनेस इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ही संभालता है.
रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘आईआरसीटीसी (IRCTC) को निर्देश दिया जाता है कि मोबाइल कैटरिंग के सारे मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल करे, जिनमें मौजूदा नियमों और शर्तों के मुताबिक बेस किचेन में तैयार भोजन यात्रियों को उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है.’
बयान में आगे कहा गया है कि ‘आईआरसीटीसी (IRCTC) को यह भी निर्देश दिया जाता है कि इस केस को महामारी से पैदा हुए हालातों के मद्देनजर अपवाद के तौर पर ले और इसे कॉन्ट्रैक्टर की गलती न माने. इसलिए कॉन्ट्रैक्टर पर कैटरिंग सेवा नहीं उपलब्ध करवा पाने के लिए कोई दंड भी न लगाए और उचित बकाया का हिसाब चुकता कर/यदि कोई है, तो सिक्योरिटी डिपॉजिट और पूरी एडवांस फीस भी वापस कर दे.’
IRMCA ने डाली थी याचिका इंडियन रेलवे मोबाइल कैटरर्स एसोसिएशन (IRMCA) की ओर से 19 जनवरी 2021 को मद्रास हाईकोर्ट में मोबाइल कैटरिंग के मुद्दे को लेकर याचिका डाली गई थी. उस याचिका पर अपने आदेश में मद्रास हाई कोर्ट ने आईआरएमसीए की सेवा बहाली की मांगों पर भारतीय रेलवे को विचार करने को कहा था. आईआरएमसीए (IRMCA) की सेवा मार्च 2020 में घोषित हुए लॉकडाउन के बाद से बंद है. अदालत ने अधिकारियों से कहा था कि संगठन के सदस्यों को अपनी बातें रखने का पूरा मौका दें और चार सप्ताह के अंदर आदेश जारी करें. रेल मंत्रालय का कहना है कि उसने संगठन की बातों को सुना और टेंडर से जुड़े दस्तावेजों और शर्तों को भी देखा. 11 फरवरी 2021 को आईआरएमसीए के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई.
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