24 कोच वाली ट्रेन सिर्फ 8 मिनट में हो रही चकाचक, रेलवे की इस नई तकनीक का यात्रियों को होगा बड़ा फायदा

Indian Railways: सहरसा स्टेशन पर ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट शुरु किया गया है. महज पांच मिनट में ट्रेन की धुलाई और सफाई हो जा रही है.

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Indian Railways: अब लोगों को चमचमाती ट्रेनों में सफर करने का मौका मिलेगा. रेलवे (Indian Railways) ने ट्रेनों की सफाई के लिए एक हाईटेक ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट शुरु किया है. जिससे 24 कोच वाली ट्रेन सिर्फ 8 मिनट में ही चकाचक साफ हो जाती है. अब पहले की तरह गंदी ट्रेनों में सफर करने की यात्रियों को दिक्‍कत नहीं उठानी होगी. भारतीय ट्रेनें भी अब विदेशी ट्रेनों की तरह साफ-सुथरी नजर आएंगी. पूर्व मध्य रेलवे जोन ने एक ऐसा अत्या​धुनिक ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट शुरु किया है, जिसकी बदौलत कुछ मिनटों में ही पूरी ट्रेन की सफाई हो जा रही है. अगर 15-16 बोगी वाली ट्रेन है, तो उसकी सफाई मात्र 5 मिनट में हो जा रही है. इसमें न ज्यादा समय लग रहा है और न ही मेहनत लग रही है.

बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल अंतर्गत सहरसा स्टेशन पर यह अत्याधुनिक ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट शुरु किया गया है. महज पांच मिनट में ट्रेन के बाहरी हिस्से की धुलाई और सफाई हो जा रही है.

पानी की बर्बादी रोकने में कारगर

कम समय में अधिक से अधिक कोचों की सफाई के साथ ही यह पानी बचाने में भी मददगार साबित हो रहा है. इस तकनीक की बड़ी खूबी यही है कि सफाई कार्य में लगने वाले 80 फीसदी पानी का दोबारा उपयोग हो रहा है. इसका 80 फीसदी पानी रिसाइकिल होकर दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा.

एक अनुमान के मुताबिक, मैनुअली की गई ट्रेन की बाहरी धुलाई में ट्रेन के कोच की धुलाई में लगभग 2000 लीटर पानी बर्बाद होते हैं. कोच वॉशिंग प्लांट लग जाने से यह बर्बादी रुकेगी.

1.60 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है प्लांट

रेलवे के इस प्रोजेक्ट में करीब 1.60 करोड़ की लागत आई है. 1 करोड़ 60 लाख रुपये से तैयार हुए सहरसा स्थित कोच वॉशिंग प्लांट में ट्रैक पर 40 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ी जगह का ही इस्तेमाल होता है. वहीं, वाटर टैंक लगाने के लिए ट्रैक के बगल में मात्र 5 फीट चौड़ा और 25 फीट लंबे जगह की जरूरत होती है.

ऐसे में इतनी कम जगह और कम लागत पर ट्रेनों के बाहरी सभी कोचों की धुलाई हो जा रही है. कोच वॉशिंग प्लांट के अंदर 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन गुजरेगी. स्टेप बाय स्टेप में पूरी ट्रेन के बाहरी हिस्से की पूरी तरह धुलाई हो जाएगी.

इस तरह होती है सफाई

रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, ट्रेन के एक कोच की लंबाई 23 मीटर होती है. अगर ट्रेन के 24 कोचों की बात करें तो कुल लंबाई 552 मीटर होगी. यह ट्रेन अगर 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कोच वाशिंग प्लांट के भीतर से गुजरेगी तो महज 6 से 7 मिनट में ट्रेन के बाहरी हिस्से की पूरी तरह धुलाई हो जाएगी.

Published - April 29, 2021, 04:04 IST