
बीकानेर से 7 नवंबर से 10 नवंबर तक और दादर से 8 नवंबर से 11 नवंबर तक 1 द्वितीय स्लीपर डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी
Indian Railway: अब ट्रेन (Train) से कहीं सामान भेजना हो तो आपको परेशानियों का सामना नहीं करना होगा. आप आसानी से ट्रेन (Train) से कहीं भी सामान भेज सकेंगे. वहीं आपको एसएमएस (SMS) से पल-पल इसकी पूरी जानकारी मिलती रहेगी. भारतीय रेलवे (Indian Railway) की पार्सल सेवा में कई तरह के बदलाव किए गए हैं.
छोटे व्यापारियों को मिलेगी सुविधा
छोटे शहरों और कस्बों में छोटे व्यवसायी और व्यापारी वगैरह बड़े शहरों और उत्पादन केंद्रों से अपना माल भेजने या ले जाने के लिए रेलवे की पार्सल सेवा का ही इस्तेमाल करते हैं. पार्सल के लिए शुल्क वजन और मात्रा के आधार पर होता है, न कि वस्तु के प्रकार के आधार पर. ऐसे में पार्सल सेवा बहुत ही सस्ता और सुगम साधन है.
पार्सल प्रबंधन प्रणाली का हो रहा आधुनिकीकरण
भारतीय रेलवे ने आम लोगों की सुविधा के लिए रेलवे ने सामान की छोटी खेपों को स्टेशनों के विशाल नेटवर्क पर पहुंचाने के लिए कई तरह के पॉजिटिव बदलाव किए हैं. इसे एक तरह से पीएमएस यानी पार्सल प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकरण कहा जा रहा है. पार्सल प्रबंधन प्रणाली के कंप्यूटरीकरण को 84 स्थानों से दूसरे चरण में अतिरिक्त 143 स्थानों और तीसरे चरण में 523 स्थानों तक बढ़ाया जा रहा है. इससे आम लोगों को बड़ी राहत होगी.
अब 4 महीने पहले ही करा पाएंगे बुकिंग
www.parcel.indianrail.gov.in पर पार्सल प्रबंधन प्रणाली की सार्वजनिक वेबसाइट के लिए उन्नत उपयोगकर्ता अनुकूल इंटरफेस है. पार्सल जगह के लिए 120 दिनों की अग्रिम बुकिंग की सुविधा जोड़ी जा रही है. यानी टिकट बुकिंग की तरह अब 4 महीने पहले ही पार्सल की बुकिंग करवा पाएंगे.
बुकिंग के दौरान मिलेगी पूरी जानकारी
पीएमएस वेबसाइट पर ऑनलाइन ई-फॉरवर्डिंग नोट मॉड्यूल पर पार्सल के लिए खाली जगह की उपलब्धता दिखाने की व्यवस्था की गई है. यानी जैसे टिकट रिजर्वेशन के दौरान दिखती है कि कितनी बर्थ खाली है या नहीं आदि जानकारियां पार्सल बुकिंग के लिए भी मिलेगी. बुकिंग के समय जीएसटीएन पोर्टल के जरिए प्रेषक के ऑनलाइन जीएसटीएन का सत्यापन.
एसएमएस से मिलेगी पूरी जानकारी
पार्सल बुकिंग से लेकर चढ़ाने, उतारने और पहुंचाने तक हरेक चरण में ग्राहकों यानी भेजने वाले और पाने वाले को बुकिंग के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस (SMS) भेजा जाएगा. इस माध्यम से उन्हें यह जानकारी दी जाएगी कि उनका सामान आखिर कहां तक पहुंचा. जिस तरह आप पोस्ट ऑफिस में कोई स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री करते हैं तो आपके मोबाइल पर उसका मैसेज आता रहता है. वहीं आप उसे ऑनलाइन भी ट्रैक कर सकते हैं. ठीक उसी तरह आप रेलवे की पार्सल सुविधा में भी कर पाएंगे.
इन सुविधाओं का मिलेगा लाभ
– पार्सल वेबसाइट www.parcel.indianrail.gov.in के माध्यम से पैकेज की ट्रैकिंग. एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों के लिए मोबाइल एप्लिकेशन.
– पार्सल ट्रैफिक से निपटने के लिए गैर-पीएमएस स्टेशनों से लोडिंग/अनलोडिंग और राजस्व आंकड़ों को भेजने की सुविधा के लिए एंड्रॉइड आधारित नया एप्लिकेशन.
– रेलवे बोर्ड के निर्देशों के मुताबिक, पार्सल प्रबंधन प्रणाली के भविष्य में आधुनिकीकरण और सुधार के लिए सिस्टम की स्टडी, फीडबैक और इस क्षेत्र में नए रुझानों के आधार पर आगे और ज्यादा सुधार की भी कोशिश की जाती रहेगी.