कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए अगली पीढ़ी के 6 मिसाइल जहाज बनाएगी. इस वर्ग के जहाजों को एंटी-शिप या लैंड अटैक मिसाइलों जैसे ब्रह्मोस या निर्भय से लैस किया जाएगा. इसके अलावा कई ऐसी तकनीकी खूबियां होंगी जिनकी वजह से यह जहाज भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए सतह-रोधी युद्धपोतों की तरह काम करेंगे. छह साल पूर्व शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने पर जल्द ही अनुबंध की अंतिम घोषणा किए जाने की उम्मीद है.
मिसाइल जहाज के लिए 6 घरेलू कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ तहत दिया गया कार्य
रक्षा मंत्रालय ने 2 जनवरी, 2015 को नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल वेसल (NGMV) कार्यक्रम शुरू करके छह नए मिसाइल जहाज के लिए 6 घरेलू कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 2.2 बिलियन डॉलर का रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (RFI) जारी किया. इसमें कहा गया कि प्रत्येक जहाज 2,000-2,500 टन के बीच होने चाहिए. नए जहाजों में 11 अधिकारी, 2 प्रशिक्षु अधिकारी और 80 नाविकों के बैठने की क्षमता हो. इसके साथ ही जहाज की अधिकतम गति 35 समुद्री मील और अधिकतम प्रदर्शन गति 25 समुद्री मील प्रति घंटा से कम नहीं होनी चाहिए. जहाजों की कम से कम गति 08-10 समुद्री मील होनी चाहिए. जहाज को बिना ऑपरेशनल टर्न अराउंड (OTR) न्यूनतम 10 दिनों के लिए समुद्र में ऑनबोर्ड में 25% रिजर्व फ्यूल के साथ किफायती गति से बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए.
जहाज एंटी-शिप या लैंड अटैक मिसाइलों से होंगे लैस
आरएफआई में यह भी कहा गया कि यह जहाज आठ सतह से सतह की मिसाइलों, एक पूर्ण सतह वाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) और 15 किमी. (9.3 मील) रेंज की MR गन प्रणाली को ले जाने में सक्षम होने चाहिए. जहाजों में रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकली (EO) गाइडेड क्लोज इन हथियार सिस्टम 360 डिग्री एंटी मिसाइल डिफेंस के साथ होना चाहिए. जहाज में आने वाली मिसाइलों को निष्क्रिय करने के लिए उपयुक्त चैफ सिस्टम फिट किया जाना चाहिए. यह चौतरफा दिशा में फायरिंग करने में भी सक्षम होना चाहिए. जहाज को कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन के लिए दो एसआरजी उपयुक्त प्रणाली के साथ ध्वनिक चेतावनी उपकरण, रिमोट एक्टिवेशन और कंट्रोल के साथ हाई पावर सर्च लाइट्स के साथ लैस किया जाना चाहिए.
निविदा का अनुमानित ऑर्डर मूल्य करीब 10 हजार करोड़ रुपये
भारतीय नौसेना के अगली पीढ़ी के छह मिसाइल जहाजों का निर्माण करने के लिए आरएफआई का जवाब देने वाली कंपनियों के साथ रक्षा मंत्रालय में 23 फरवरी को बैठक हुई जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी. यह कंपनी भारत में बड़े से बड़े जहाजों का निर्माण और मरम्मत कर सकती है. कंपनी ने कहा कि निविदा का अनुमानित ऑर्डर मूल्य करीब 10 हजार करोड़ रुपये है. अगली पीढ़ी की मिसाइल वेसल्स भारतीय नौसेना के लिए सतह-रोधी युद्धपोतों के नियोजित वर्ग हैं. इस कार्यक्रम के तहत भारतीय नौसेना छह उन्नत मिसाइल कोरवेट हासिल करने का इरादा रखती है. इस वर्ग के जहाजों को एंटी-शिप या लैंड अटैक मिसाइलों जैसे ब्रह्मोस या निर्भय से लैस किया जाएगा.