
भारत के पास अब तक 11 राफेल (Rafale) आ चुके हैं. वहीं अगले महीने आठ और राफेल (Rafale) विमान भारत में पहुंचेंगे, जिसके बाद भारत के पास 19 राफेल (Rafale) फाइटर जेट हो जायेंगे. इसी के साथ राफेल के लिए अंबाला में बनाई गई पहली 17 एरो स्क्वाड्रन भी पूरी हो जाएगी. इसके साथ ही अप्रैल में ही भारत-फ्रांस रणनीतिक सहयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भारत की यात्रा पर आयेंगीं. हालांकि अभी उनके भारत दौरे की तारीख फाइनल नहीं है.
पहला राफेल
बता दें कि सबसे पहले फ्रांसीसी कंपनी से पांच राफेल (Rafale) जेट का पहला जत्था 29 जुलाई को अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद अंबाला एयरबेस पहुंचा था. भारतीय वायुसेना ने औपचारिक रूप से इन फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में 10 सितम्बर, 2020 को शामिल किया था.
दूसरा जत्था
तीन राफेल (Rafale) फाइटर जेट्स का दूसरा बैच पिछले साल नवंबर की शुरुआत में फ्रांस से सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा था. भारत ने इन फाइटर जेट्स को भी ऑपरेशनल करके चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर तैनात किया है. तीसरे बैच में तीन राफेल (Rafale) जेट 27 जनवरी को फ्रांस से 7000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे थे. उड़ान के दौरान रास्ते में तीनों फाइटर जेट को संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेना ने हवा में ही ईंधन दिया.
इस तरह अब तक 11 राफेल (Rafale) भारत आकर भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बन चुके हैं. अगले महीने ही आठ और राफेल (Rafale) भारत में पहुंचेंगे. इस तरह फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन से 2016 में ऑर्डर किए गए 36 राफेल फाइटर जेट में से भारत के पास 19 फाइटर जेट राफेल हो जायेंगे. वायुसेना को मिलने वाले 36 राफेल विमानों में से 30 युद्धक विमान होंगे जबकि छह प्रशिक्षण विमान. प्रशिक्षण विमान दो सीटों वाले होंगे और इनमें लगभग वो सारी खूबियां होंगी जो लड़ाकू विमानों में हैं.
वायुसेना की स्क्वाड्रन
वायुसेना की एक स्क्वाड्रन 16 युद्धक विमानों और पायलट ट्रेनिंग के दो विमानों से मिलकर बनती है. इस तरह राफेल के लिए अम्बाला में बनाई गई पहली 17 एरो स्क्वाड्रन 19 जेट्स मिलने के बाद पूरी हो जाएगी. राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन हाशिमारा, कोलकाता में बनाई गई है. यानी फ्रांस से मिलने वाले बाकी 17 राफेल दूसरी स्क्वाड्रन के हवाले किये जाएंगे.