दिल्ली में चल रहा 18वां G-20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए आर्थिक तौर पर बढ़ने के लिए बड़ा मौका हो सकता है. G-20 के जितने भी सदस्य देश हैं उन सभी में भारत की प्रति व्यक्ति GDP सबसे कम है, हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान के तौर पर देखा जाए तो सभी G-20 देशों में भारत का योगदान 5वें स्थान पर है. ऐसे में यह सम्मेलन भारत के लिए आर्थिक तौर पर आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी का काम कर सकता है.
प्रति व्यक्ति GDP के मामले में G-20 देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है जिसकी प्रति व्यक्ति GDP 80 हजार डॉलर से ज्यादा है, इसके बाद करीब 66 हजार डॉलर के साथ जर्मनी दूसरे, 65 हजार डॉलर के साथ ऑस्ट्रेलिया तीसरे, करीब 65 हजार डॉलर के साथ सऊदी अरब चौथे और 60 हजार डॉलर के साथ कनाडा पांचवे स्थान पर है. इस लिस्ट में भारत के करीब इंडोनशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील है, लेकिन इन तीनों की प्रति व्यक्ति GDP भी भारत के मुकाबले लगभग दोगुनी है.
हालांकि वैश्विक GDP में हिस्सेदारी के तौर पर देखा जाए तो G-20 देशों में भारत 5वें स्थान पर है, वैश्विक GDP में भारत की हिस्सेदारी 3.54 फीसद है. इस लिस्ट में पहले स्थान पर अमेरिका है जिसकी वैश्विक GDP में 25.44 फीसद हिस्सेदारी है, दूसरे स्थान पर 18.38 फीसद हिस्सेदारी के साथ चीन, तीसरे पर 4.18 फीसद हिस्सेदारी के साथ जापान और चौथे पर 4.08 फीसद हिस्सेदारी के साथ जर्मनी है.
लेकिन दुनिया की आबादी में हिस्सेदारी के तौर पर देखें तो सभी G-20 देशों में भारत सबसे आगे है, दुनिया की कुल जनसंख्या में भारत की हिस्सेदारी 18.29 फीसद है, दूसरे नंबर पर 17.98 फीसद से साथ चीन और 4.27 फीसद हिस्सेदारी के साथ अमेरिका तीसरे स्थान पर है. G-20 देशों में दुनिया की कुल आबादी का दो तिहाई से ज्यादा हिस्सा बसता है लेकिन ये देश दुनिया की कुल GDP में 85 फीसद और कुल वैश्विक व्यापार में 75 फीसद योगदान देते हैं.