इस शर्त पर बन सकता है भारत विक‍सित देश

2047 तक विकसित देश बनने के लिए भारत को हर साल 8 से 9 फीसदी आर्थिक वृद्धि हासिल करने की होगी जरूरत.

इस शर्त पर बन सकता है भारत विक‍सित देश

2047 तक भारत को अगर विकसित देशों की लिस्‍ट में अपना नाम दर्ज करवाना है, तो उसे अगले 24 सालों तक 8 से 9 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की जरूरत है. डेलॉयट दक्षिण एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने यह बात कही है. उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है. भारत की मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर 6 से 7 फीसदी के बीच है.

शेट्टी ने कहा कि भारत को चीन प्लस वन रणनीति से फायदा मिल सकता है. क्योंकि कोई दूसरा देश इस तरह के परिचालन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता, जैसा यहां उपलब्ध है. अंतरिक्ष क्षेत्र का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में पहले ही 200 स्टार्टअप हैं और यहां 2040 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आ सकता है.

शेट्टी ने कहा कि भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए कम से कम 2047 तक 8-9 फीसदी की वार्षिक दर से आगे बढ़ने की जरूरत है. मध्यम आय स्तर से आगे बढ़ना होगा. इस गति से वृद्धि आसान नहीं है. दुनिया में बहुत कम देश ऐसे हैं, जो सालाना 8-9 फीसदी की गति से बढ़ने में सक्षम हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा था कि भारत निकट भविष्य में शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा. मोदी ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था और भी अधिक समावेशी होगी. भारत इस समय अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. एसएंडपी ग्‍लोबल ने पिछले महीने अपनी रिर्पाट में अनुमान जताया है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार 2031 तक दोगुना होकर 6.7 अरब डॉलर हो जाएगा, जो अभी 3.4 अरब डॉलर है.

शेट्टी ने कहा कि भारत के पास कृषि, अंतर‍िक्ष क्षेत्र, सेमीकंडक्‍टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे उभरते क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता है. देश में हर साल 16 से 18 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है, जिससे विकास और व्‍यापार को बूस्‍ट मिलने की उम्‍मीद है.

शेट्टी ने कहा कि बहुराष्‍ट्रीय कंपनियां चीन प्‍लस वन नीति पर विचार कर रही हैं. इसका मतलब है कि कंपनियां अब चीन के बाहर भी अपना आधार बनाने पर फोकस कर रही हैं. जब कंपनियां अपने विनिर्माण सुविधाओं को चीन के अलावा कहीं ओर ले जाने का निर्णय करेंगी, तो इसका फायदा अन्‍य देशों को भी लाभ होगा. लेकिन सबसे ज्‍यादा लाभ भारत को होगा, क्‍योंकि इतनी बड़ी श्रम शक्ति, पैमाना और आकार भारत के अलावा किसी अन्‍य देश के पास नहीं है.

शेट्टी ने कहा कि भारत के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह है कच्‍चे तेल का आयात. इसी तरह भले ही टेक्‍नोलॉजी ने देश को बदल दिया है, लेकिन अभी भी ये विभाजनकारी हो सकती है और आर्टिफ‍िशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर खतरा बना हुआ है. ये ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में गहराई से सोचना होगा.

Published - September 8, 2023, 12:47 IST