यूनिकॉर्न के मामले में भारत कई देशों से आगे निकल चुका है. इतना ही नहीं सितंबर तिमाही में यूनिकॉर्न की संख्या चीन, यूके, कनाडा जैसे कई विकसित देशों से ज्यादा हो गई है. इस बात की जानकारी प्राइस वाटर हाउस कूपर्स इंडिया ( PwC ) के आंकड़ों से मिली है. इन आंकड़ों की मानें तो सितंबर तिमाही में भारत ने 10 नए यूनिकॉर्न को जोड़ा है. हालांकि इस लिस्ट में अमेरिका अभी भी पहले स्थान पर है. उसने सितंबर तिमाही में कुल 68 यूनिकॉर्न जोड़े हैं. जबकि इस तिमाही में हांगकांग, यूके और कनाडा ने 4-4 यूनिकॉर्न और चीन ने सात यूनिकॉर्न जोड़े हैं.
PwC की रिपोर्ट में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार सितंबर तिमाही में भारतीय स्टार्टअप्स ने 347 डील्स के जरिए करीब 11 अरब डॉलर का फंड जुटाया है. भारतीय स्टार्टअप्स की तरफ से पहली बार किसी भी तिमाही में 10 अरब डॉलर से ज्यादा फंड जुटाया गया है. इस साल की शुरुआत में 2021 की पहली तीन तिमाही में इंडियन स्टार्टअप्स ने 24 अरब डॉलर से ज्यादा का फंड जुटाया था.
निवेश की बात करें तो भारत के स्टार्टअप में किया जाने वाला निवेश बढ़ गया है. साल की शुरुआत से ही स्टार्टअप निवेश में वृद्धि दर्ज की जा रही है. सरकार का फोकस इस समय स्टार्टअप्स पर है. वहीं सरकार ने IT सेक्टर की कई कंपनियों को मदद देने के लिए एक कार्यक्रम भी शुरू किया है. हमारे देश ही नहीं बल्कि विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भी इन स्टार्टअप में है.
RBI की ओर से बीते अगस्त में जारी गई गए रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 100 यूनिकॉर्न हैं. स्विस इन्वेस्टमेंट बैंक क्रेडिट सुइस के अनुसार भारत में 336 कंपनियां लिस्टेड हैं जिनका मार्केट कैप 1 अरब डॉलर के पार है. इसमें 100 के करीब यूनिकॉर्न हैं. अमेरिकी के बाद भारत यूनिकॉर्न के मामले में दूसरे स्थान पर है.