Cyber Crime: कोरोना काल में ज्यादातर लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना पसंद कर रहे हैं. इसी के चलते साइबर क्राइम की घटनाएं भी खूब हो रही हैं. इस बारे में बैंकों की ओर से ग्राहकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. लेकिन अगर सावधानी बरतने के बाद भी आपके साथ कभी साइबर क्राइम की घटना हो जाए तो समय रहते कुछ स्टेप उठाने जरूरी हैं. इससे आपको खाते से निकाला गया पैसा वापस मिल सकता है. जानिए किसी भी तरह का साइबर क्राइम होने पर आपको क्या करना चाहिए.
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, अगर समय पर कोशिश की जाए तो ये पैसे वापस आने की संभावना रहती है. अगर कोई भी अनधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है. इसके लिए सतर्कता जरूरी है. आरबीआई बैंक का कहना है कि अगर ऐसे किसी भी ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत देकर आप नुकसान से बच सकते हैं. आरबीआई के अनुसार, अगर समय पर भी किसी धोखादड़ी की सूचना बैंक को दे दी जाए तो जोखिम का प्रतिशत कम हो सकता है या फिर यह शून्य भी हो सकता है. यानी आपको पैसा वापस भी मिल सकता है.
जब भी आपको बता चले कि आपके साथ कोई ऐसी घटना हुई तो तुरंत बैंक को इसकी सूचना दें. बिना देरी करे सूचना देने से आप बच सकते हैं. ऐसा करना से आपके सारे पैसे आपको मिल सकते हैं. आप तीन दिन के अंदर इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत करते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
RBI ने यह भी कहा है कि निर्धारित समय में बैंक को सूचना दे देने पर ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी कर निकाली गई रकम 10 दिन के अंदर उसके बैंक खाते में वापस आ जाएगी. आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4-7 दिन बाद की जाती है, तो ग्राहक को 25,000 रुपये तक का नुकसान खुद उठाना होगा.
बैंकों की तरफ से ऐसे साइबर फ्रॉड के मद्देनजर इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है. बैंक आपके साथ हुए फ्रॉड की सारी जानकारी सीधे इंश्योरेंस कंपनी को बताएगा और वहां से इंश्योरेंस के पैसे लेकर आपके नुकसान की भरपाई करेगा. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां भी लोगों को सीधे कवरेज दे रही हैं.
आप किसी भी अनाधिकृत लेनदेन की शिकायत सबसे पहले कस्टमर केयर के जरिए दर्ज कर दें. इसके बाद आप इसका फॉलो अप लेते रहे हैं और बैंक में इसके लिए संपर्क किया जा सकता है.