सुभान क्रेडिट कार्ड से बेहिसाब खर्च करते हैं. क्रेडिट कार्ड एक तरह की क्रेडिट फैसिलिटी है जो बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) मुहैया कराते हैं. आपकी कमाई और क्रेडिट स्कोर जैसी चीजों को देखकर क्रेडिट लिमिट दी जाती है. क्रेडिट लिमिट से मतलब है कि आपको एक अमाउंट दे दिया जाता है जिसका इस्तेमाल आप कोई सामान खरीदने, बिल भरने जैसी चीजों में कर सकते हैं. फिर कुछ दिन बाद आपको ये पैसे भरने होते हैं. चलिए जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करें ताकि कर्ज के जाल में न फंसे. साथ ही जानते हैं कि भारत में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किस तरह किया जा रहा है.
क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल?
क्रेडिट कार्ड से खर्च मई 2023 में छलांग लगाकर पहली बार 1.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. वहीं क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़कर 8.74 करोड़ हो गई, जो अप्रैल में 8.65 करोड़ थी. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में क्रेडिट कार्ड के जरिए खर्च बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 9.71 लाख करोड़ रुपए से 47 फीसदी ज्यादा है. ई-कॉमर्स में क्रेडिट कार्ड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. आरबीआई के एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल 2023 तक क्रेडिट कार्ड्स पर बैंकों का बकाया यानी बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड पर बांटा गया कर्ज 2 लाख करोड़ रुपए है. एक साल पहले यह 1.54 लाख करोड़ रुपए था.
क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल के क्या हैं फायदे?
क्रेडिट कार्ड से बढ़ते खर्च के बीच बात करते हैं इसके नफा-नुकसान की. फायदों पर नजर डालें तो क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको क्रेडिट लिमिट से तुरंत पेमेंट करने की आजादी मिल जाती है और पैसे कुछ दिन बाद चुकाने पड़ते हैं…क्रेडिट कार्ड से लोन लेना भी आसान है. क्रेडिट कार्ड में ईएमआई की सुविधा है जिससे एकमुश्त पैसे नहीं देने पड़ते हैं. ज्यादातर क्रेडिट कार्ड ऑफर, कैशबैक और रीवॉर्ड के साथ आते हैं. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर रिवॉर्ड प्वाइंट मिलते हैं जिनसे आप सस्ती एयर टिकट, ट्रेन टिकट, होटल बुकिंग, ग्रॉसरी शॉपिंग कर सकते हैं. आपको बस अपनी जरूरत के हिसाब से कार्ड चुनना है. क्रेडिट कार्ड से लेनदेन का हर रिकॉर्ड क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में होता है. इससे मंथली बजट बनाने में मदद मिल सकती है…क्रेडिट कार्ड का बिल टाइम से भरने पर क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है.
सावधानी बरतें
क्रेडिट कार्ड ज्यादा खर्च की आदत लगाते हैं. ध्यान रखें कि क्रेडिट लिमिट से निकला पैसा असल में कर्ज है. ऐसे में कार्ड स्वैप करते समय सावधानी बरतें. क्योंकि गैर-जरूरी चीजों पर ज्यादा खर्च कर्ज के जाल में फंसा सकता है. टाइम पर बिल नहीं भरने पर ब्याज बहुत अधिक है. आमतौर पर ब्याज की दर 4 फीसदी महीना होती है. इन्हें जोड़ने पर सालाना 48 फीसदी का ब्याज है. क्रेडिट कार्ड में एनुअल रीन्यूवल फीस, प्रोसेसिंग फीस और सरचार्ज जैसे कई छिपे हुए चार्ज भी हैं.
कैसे करें सही इस्तेमाल?
क्रेडिट कार्ड लेने से पहले नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें. गैर-वाजिब खर्च करने से बचें. आपका खर्च क्रेडिट लिमिट के 30-40 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. क्रेडिट कार्ड से खर्च तभी करें जब उसे चुका पाएं. बिल टाइम पर भरें. .क्रेडिट कार्ड के बिलिंग साइकिल को समझें. बिल जेनरेट होने के बाद अगर आप खरीदारी करते हैं तो अगले बिल पेमेंट के लिए आपको 45 दिन तक का इंटरेस्ट फ्री पीरियड मिल सकता है. मोटे लेनदेन या पूरी क्रेडिट कार्ड लिमिट इस्तेमाल कर लेने पर रीपेमेंट के लिए EMI का ऑप्शन चुन सकते हैं.
कैश निकालने से बचें
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने से बचें क्योंकि इस पर ब्याज और फीस दोनों लगते हैं. कैश निकालने पर 750 रुपए तक कैश एडवांस फीस प्लस GST है…इसके अलावा, कैश निकालने के दिन से 4 फीसदी के हिसाब से ब्याज लगता है…एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड होने पर ऑटो-डेबिट का ऑप्शन चुनें ताकि पेमेंट मिस न हो. क्रेडिट कार्ड से खर्च पर बराबर नजर रखें और स्पेंडिंग लिमिट सेट करें… कई क्रेडिट कार्ड ओवरसीज ट्रांजैक्शन की सुविधा देते हैं, लेकिन चार्ज वसूलते हैं… फॉरेन टूर के दौरान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से पहले चार्ज के बारे में बैंक से जरूर पता करें.
मनी9 की सलाह
सुभान की तरह अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो सावधानी बरतें. क्रेडिट कार्ड से गैर-जरूरी खर्च पर रोक और समय से बिल का पेमेंट आपको चैन की सांस देगा…क्रेडिट कार्ड के गलत इस्तेमाल होने का भी जोखिम है…ध्यान रखें कि आपके क्रेडिट कार्ड की डिटेल गलत हाथों में न पड़े…गलत लेनदेन होने पर तुरंत बैंक को सूचित करें…क्रेडिट कार्ड खोने, गलत इस्तेमाल होने से हुए नुकसान के लिए इंश्योरेंस कवरेज मौजूद है, इन्हें लेना बिल्कुल न भूलें. तो सावधान रहें और अधिक जानकारी के लिए देखें मनी9 का खास शो चैन की सांस.