नौकरी शुरू करने पर तीन चीजें जरूर सीखनी चाहिए. कैसे खर्च (expenses) करें, कैसे बचत (savings) करें और कैसे निवेश (investment) करें. हमें खर्च करने में समझदारी दिखानी चाहिए. किसी भी चीज पर खर्च कर महीने के अंत में हाथ खाली करने के बजाए, पूरे माह का बजट तैयार करना चाहिए. अपनी क्षमता के मुताबिक ही हमें खर्च करना चाहिए.
हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जो ‘पहले खरीदो और बाद में भुगतान करो’ का है. ऐसे में सावधानी से खर्च की मेरी सलाह आपको अजीब लग सकती है. लेकिन सही बात तो कहनी ही होगी.
सबसे पहले बचत करनी चाहिए. इसकी आदत डालें. आदत को दूर करना मुश्किल होता है, इसलिए हमेशा अच्छी आदत को अपनाएं. सेविंग के बाद जो पैसा बचता है, उसका इस्तेमाल खर्च करने में करें. जैसे-जैसे आप बचत की आदत डालेंगे, वैसे-वैसे आप इसके आदी हो जाएंगे. याद रखें, लाइफ स्टाइल को अपग्रेड करना बहुत आसान है, लेकिन ऐसा चतुराई से करना चाहिए, न कि हड़बड़ी में.
शुरुआत से ही निवेश करना अच्छा होता है. इस समय बहुत से लोग आपको अलग-अलग सलाह देंगे. किंतु आंख मूंद कर हर किसी की बात न मानें. निवेश के पहले अपनी जरूरतों पर ध्यान दें. इस संबंध में रिसर्च करें. टर्म इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस लें. नियमित तौर पर लंबी अवधि के लिए निवेश करें.
जितनी जल्दी हो सके, PPF खाता खोल लें. भले ही निवेश की राशि छोटी हो. इसके अलावा, सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) पर निवेश करें. कम से कम एक हजार रुपये महीना ELSS पर लगाएं, भले ही आमदनी करयोग्य न हो. ELSS आपको नियमित निवेश की आदत डलवाता है. जीवन के अगले पड़ावों में इसका फायदा होगा.
अपनी आदत को समझकर ही उसमें सुधार किया जा सकता है.
(लेखक मनीफ्रंट के को-फाउंडर और CEO हैं. ये उनके निजी विचार हैं)