हाईस्पीड इंटरनेट के लिए देश में 5G लाने की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं. टेलीकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए एडवांस भी सरकार के पास जमा करा दिया है. जैसे-जैसे 5G आने का इंतजार कम हो रहा है. वैसे-वैसे लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर 5G के लिए उन्हें अपनी जेब कितनी ढीली करनी होगी. टेलीकॉम सेक्टर के एनालिस्ट की मानें तो टेलीकॉम कंपनियां शुरुआत में 5G की कीमत थोड़ा ऊंची रखेंगी. एनालिस्ट का मानना है कि 5G प्लांस की कीमत 4G सर्विसेस की तुलना में 10 से 20 फीसदी ज्यादा होगी. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कंपनियां एवरेज रेवेन्यू पर यूजर यानी ARPU में ग्रोथ लाना चाहती हैं.
एनालिस्ट का यह भी कहना है कि जब 5G सर्विसेस पूरी तरह से चालू हो जाएंगी और इनका बड़े स्तर पर उपयोग शुरू हो जाएगा, तब कंपनियां इसकी कीमत 4G के बराबर कर देंगी. 5जी पर मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विस मौजूदा 4जी की तुलना में 10 गुना ज्यादा तेज डेटा स्पीड प्रदान करेगी. ऐसे में कंपनियां शुरुआत में इसे शहरी बाजारों में उन हाई-वैल्यू कस्टमर्स को उपलब्ध कराने पर फोकस करेंगी, जो 20 हजार रुपए और इससे ज्यादा महंगे 5जी हैंडसेट खरीद सकते हैं.
नोमुरा रिसर्च के मुताबिक हाई स्पीड के लिए टॉप-एंड ग्राहकों की बढ़ती मांग के मद्देनजर टेलीकॉम कंपनियां शुरुआत में 5G सर्विसेस के लिए प्रीमियम वसूल सकती हैं. नोमुरा का ये भी कहना है कि नियर टर्म में 5जी टैरिफ प्लान्स पर नजर रखी जा सकती है और 5जी पर प्रीमियम टेलीकॉम कंपनियों को अपना ARPU बढ़ाने का अच्छा मौका प्रदान कर सकता है.
एक दूसरे ग्लोबल ब्रोकरेज के एनालिस्ट का भी कुछ ऐसा ही मानना है उनका कहना है कि 4G की तुलना में 5G प्लान की कीमत 10 से 20 फीसदी ज्यादा रह सकती है. क्योंकि 5जी को सबसे पहले शहरी बाजारों में लॉन्च किया जाएगा और 4जी के केवल ऐसे यूजर्स जो महंगे हैंडसेट अफोर्ड कर सकते हैं. वे 5जी में अपग्रेड करेंगे.
टेलीकॉम कंपनियों के टॉप एग्जीक्यूटिव्स का भी कहना है कि शुरुआत में 5G सर्विस प्रीमियम पर ही उपलब्ध होगी. क्योंकि ऑपरेटर्स इसके साथ कुछ ऐसी वैल्यू एडेड सर्विस भी प्रदान करेंगे, जो अभी 4G पर देना संभव नहीं है. लेकिन बाद में 5G एडोप्शन में तेजी लाने और इसके विस्तार के लिए कंपनियों को इसकी कीमत 4जी के बराबर लानी होगी.
5G स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी की प्रक्रिया 26 जुलाई से शुरू हो रही है और इसमें भाग लेने के लिए रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के साथ ही अडानी डेटा नेटवर्क्स ने एडवांस पैसा भी जमा करवा दिया है. चारों आवेदनकर्ताओं ने कुल 21,800 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि जमा कराई है.
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस ने बुधवार को रिलायंस जियो,भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में फाइनल पार्टिसिपेंट के रूप में अपनी मंजूरी दे दी है.