भारत के लिए वैश्विक मंदी कितनी खतरनाक हो सकती है. इसकी आहट अभी से सुनाई देने लगी है. वैश्विक स्तर पर चुनौतियां देखते हुए देश की IT कंपनियों ने खर्चे घटा दिए हैं और साथ में नई भर्तियां भी कम कर दी हैं. देश की 3 बड़ी IT कंपनियों में सितंबर तिमाही के दौरान हुई नई भर्तियों की तुलना अगर जून तिमाही में हुई भर्तियों से करें तो 60 फीसद कम नौकरियां दी गई हैं. रिपोर्ट की मानें तो TCS, इंफोसिस और विप्रो ने जून तिमाही के दौरान 50 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी दी थी लेकिन सितंबर तिमाही के दौरान 20 हजार से थोड़ा ज्यादा लोगों को ही नौकरी पर रखा है. विप्रो ने तो सितंबर तिमाही में नई भर्तियां 96 फीसद तक घटा दी हैं.
इंटरनेशनल डाटा सेंटर यानी IDC की रिपोर्ट कहती है कि 2022 के दौरान भारतीय IT कंपनियों की तरफ से हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और IT सेवाओं पर किए जाने वाले खर्च यानी IT स्पेंडिंग की ग्रोथ पिछले साल के मुकाबले कम रहेगी. IDC ने इस साल IT स्पेंडिंग की ग्रोथ 13.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया है जबकि 2021 के दौरान 25 फीसद से ज्यादा की ग्रोथ हुई थी.
दुनियाभर में कंप्यूटर्स की घटती बिक्री बता रही है कि ग्लोबल IT सेक्टर पर मंदी का शुरुआती असर पड़ना शुरू हो गया है और इसी को भांपते हुए भारतीय IT कंपनियों ने खर्च घटाने के साथ नई भर्तियां कम कर दी हैं. IDC की रिपोर्ट कहती है कि सितंबर तिमाही के दौरान दुनियाभर में कंप्यूटर्स की शिपमेंट करीब 15 फीसद घटी है. इस साल जुलाई से सितंबर के दौरान दुनियाभर में 7.42 करोड़ कंप्यूटर्स की शिपमेंट हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान यह आंकड़ा 8.73 करोड़ था.
उधर IT सेक्टर के सामने खड़ी इस चुनौती को बाजार पहले ही भांप चुका था. यही वजह है कि भारत और दुनियाभर की दिग्गज IT तथा टेक कंपनियों के शेयरों में इस साल भारी गिरावट आई है. कई कंपनियों का मार्केट कैप आधा रह गया है तो कई के मार्केट कैप में एक चौथाई की गिरावट आई है. मंदी की इस आहट को दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियां भी भांप रही हैं और खर्चे घटाने पर काम कर रही हैं.
फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी मेटा अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी के बारे में सोच रही हैं और सर्च इंजन गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने नई भर्तियां रोक दी हैं. कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो खर्चे घटाने के लिए कर्मचारियों के वेतन में कटौती की योजना बना रही हैं. ये सभी ऐसी कंपनियां हैं जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय IT प्रोफेशनल काम करते हैं और इन कंपनियों के किसी भी कारोबारी कदम का असर उन भारतीयों पर जरूर पड़ेगा.