इस क्षेत्र में व्‍यापार में हिस्‍सेदारी बढ़ाने की तैयारी कर रही सरकार, देश में की 53 बागवानी कलस्‍टरों की पहचान

Horticulture Clusters: भारत, विश्व में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और विश्व के फल-सब्जियों का लगभग 12 प्रतिशत उत्पादन करता है.

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Horticulture Clusters: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (CDP) का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंनें बताया कि भारत, विश्व में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और विश्व के फल-सब्जियों का लगभग 12 प्रतिशत उत्पादन करता है.

निर्यात बढ़ाने के लिए बागवानी क्लस्टर

उन्होंने कहा कि ऊंची कीमत वाली बागवानी फसलों का आयात कम करने व जहां कहीं संभव हो, निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने देश में विभिन्न फसलों के लिए 53 बागवानी क्लस्टरों (Horticulture Clusters) की पहचान की है. इन 53 क्लस्टरों में से 12 क्लस्टरों (Horticulture Clusters) को क्लस्टर विकास कार्यक्रम के इस प्रायोगिक चरण के लिए चुना गया है. 5 से 7 वर्षों की अवधि में सभी 53 क्लस्टरों में कार्यक्रम लागू किए जाने पर, कुल निर्यात लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है.

उन्होंने विश्व बागवानी व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए विश्‍व की उत्तम पद्धतियां अपनाने की जरूरत है. इससे बागवानी क्षेत्र के घरेलू और वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

करीब 10 लाख किसानों को होगा लाभ

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सी.डी.पी. से 10 लाख किसानों सहित अन्य हितधारकों को लाभ होगा. वहीं 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा। जिसमें 6500 करोड़ रु. निजी क्षेत्र से आएगा. उन्होंने कहा कि सी.डी.पी. का लक्ष्य पहचान किए गए बागवानी क्लस्टरों को बढ़ावा देना- विकास करना है, ताकि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाया जा सके. इसके माध्यम से उत्पादन एवं फसल-कटाई उपरांत प्रबंधन, लॉजिस्टिक्‍स, विपणन व ब्रांडिंग सहित भारतीय बागवानी क्षेत्र से संबंधित सभी मुख्य मुद्दों का समाधान किया जाएगा.

कहां किन चीजों का होगा क्लस्टर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रायोगिक चरण के क्लस्टरों में सेब के लिए शोपियां (जम्मू व कश्‍मीर) व किन्नौर (हिमाचल प्रदेश), आम के लिए लखनऊ (उत्तर प्रदेश), कच्छ (गुजरात) एवं महबूबनगर (तेलंगाना), केला के लिए अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) एवं थेनी (तमिलनाडु), अंगूरों के लिए नासिक (महाराष्‍ट्र), अनानास के लिए सिफाहीजाला (त्रिपुरा), अनार के लिए शोलापुर (महाराष्ट्र) एवं चित्रदुर्ग (कर्नाटक) और हल्दी के लिए वेस्ट जयंतिया हिल्स (मेघालय) को शामिल किया गया है. इन्हें कलस्‍टर विकास एजेंसियों (सीडीए) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा, जिन्‍हें संबंधित राज्य/केंद्र शासित सरकार की सिफारिशों पर नियुक्त किया गया है.

Published - May 31, 2021, 06:24 IST