सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर क्यों लगाया जुर्माना?

सरकार ने इन कंपनियों को 21 दिन के भीतर ये राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा है. सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि इन कंपनियों का FAME-II योजना का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है.

सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर क्यों लगाया जुर्माना?

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

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इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स बनाने वाली कंपनियां लगातार सरकार की सख्‍ती के दायरे में आ रही हैं. फेम योजना के नियमों के उलंघन के लिए सरकार ने हीरो इलेक्‍ट्रिक और ओकिनावा पर 249 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. ओला स्‍कूटर्स पर ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप है और अब जांच के बाद ओला स्कूटर अपने ग्राहकों को 130 करोड़ रुपए लौटाने जा रहा है.

इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बनाने वाली कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर भारी उद्योग मंत्रालय (MOHI) ने 249 करोड़ का जुर्माना लगाया है. इसमें ओकिनावा ऑटो टेक से 116 करोड़ रुपए और हीरो इलेक्ट्रिक से 133 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे. इन कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान गलत तरीके से FAME-II के तहत सब्सिडी क्लेम की थी. अब इसी रकम को सरकार वसूलेगी. सरकार ने इन कंपनियों को 21 दिन के भीतर ये राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा है. सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि इन कंपनियों का FAME-II योजना का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है. सब्सिडी के दुरुपयोग के संबंध में ARAI और ICAT सहित टेस्टिंग एजेंसियों ने जांच की थी और मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी.

क्या किया घपला?
रिपोर्ट में पता चला है कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने बाहर से मंगाए कल-पुर्जों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है जो फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. सरकार फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (FAME) के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देती हैं. FAME-II के तहत सब्सिडी क्लेम करने के लिए कई कल पुर्जों को भारत में तैयार किया जाना चाहिए था लेकिन इन्हें बाहर से आयात किया गया और इनका इस्तेमाल इलैक्ट्रिक वाहनों में किया गया. सरकार को कुछ इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं द्वारा सब्सिडी के दुरुपयोग की शिकायतें मिली थीं जिसके बाद इसकी जांच शुरू की गई.

बता दें रिपोर्ट के अनुसार हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा के अलावा 13 और EV कंपनियां मंत्रालय की जांच के दायरे में है. अगले दो हफ्तों में टेस्टिंग एजेंसियां दूसरी 9 इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ की गई जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप सकती हैं.

Published - May 2, 2023, 06:52 IST