GST Compensation: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को माल एवं सेवा कर (GST) मुआवजे के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं. इसके अलावा IGST ad-hoc के सेटलमेंट के लिए 28,000 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं. वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक 70 हजार करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं. जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक, अब तक जीएसटी मुआवजे (GST Compensation) की कमी के बदले कुल 1.10,208 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है. इस फैसले के आधार पर 30 मार्च 2021 तक IGST के तहत राज्यों और केंद्र को 28,000 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. इनमें 14,000 करोड़ राज्यों को और 14000 करोड़ रुपए केंद्र को भेजे गए हैं.
Centre releases Rs. 30,000 crore as GST Compensation as well as Rs. 28,000 crore as IGST ad-hoc settlement to the States/UTs
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) March 30, 2021
क्या है केंद्र-राज्यों में जीएसटी शेयर करने का फॉर्मूला
जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया. जीएसटी कानून में यह तय किया गया था कि इसे लागू करने के बाद पहले पांच साल में राज्यों को राजस्व का जो भी नुकसान होगा, उसकी केंद्र सरकार भरपाई करेगी. आधार वर्ष 2015-16 को मानते हुए यह तय किया गया कि राज्यों के इस प्रोटेक्टेड रेवेन्यू में हर साल 14 फीसदी की बढ़त को मानते हुए गणना की जाएगी. पांच साल के ट्रांजिशन पीरियड तक केंद्र सरकार महीने में दो बार राज्यों को मुआवजे की रकम देगी. कहा गया कि राज्यों को मिलने वाला सभी मुआवजा जीएसटी के कम्पेनसेशन फंड से दिया जाएगा.
क्या होता है कम्पेनसेशन फंड
राज्यों को मुआवजे की भरपाई के लिए जीएसटी के तहत ही एक कम्पेनसेशन सेस यानी मुआवजा उपकर लगाया जाता है. यह उपकर तंबाकू, ऑटोमोबाइल जैसे गैर जरूरी और लग्जरी आइटम पर लगाया जाता है. इस उपकर के कलेक्शन से जो फंड बनता है उसी से राज्यों के मुआवजे की भरपाई सरकार करती है. लेकिन लॉकडाउन में इस फंड में भी कुछ खास रकम नहीं आई जिसके बाद केंद्र सरकार के लिए राज्यों को मुआवजा देने में काफी मुश्किल आने लगी.